झीलों की रक्षा का दिया सन्देश
उदयपुर. विदेशी पर्यटकों से भी शहर की जान झीलों में जलीय घास देखी नहीं गई और वे इसे निकालने के लिए झील में उतर गए. हुआ यूँ कि लेकसिटी की सुंदरता और झीलों का सौंदर्य निहारने आये विदेश सैलानी जब पिछोला के नाव घाट पहुंचे और वहां कूड़ा-करकट देखा तो उनका मन द्रवित हो उठा और क्षेत्रवासियों के सहयोग से श्रमदान कर जलीय घास निकाली. यूएसए, इटली आदि से आया पर्यटकों का दल पिछोला के नाव घाट पहुंचा. वहां कुछ देर तो उन्होंने खुली वादियों में बिताए लेकिन फिर उनकी नज़र पानी में तैर रही गंदगी पर पड़ी. झीलों के प्रदूषित होने की आशंका जताते हुए उन्होंने नाराज़गी जताई. पर्यटकों ने गोपाल नगर, हरजीत आदि के साथ मिलकर श्रमदान किया और प्लास्टिक की थैलियाँ, थर्माकोल आदि बाहर निकाला.
उनका यह प्रयास शहर के प्रशासन पर क्या रंग लाएगा, यह देखना है. साथ ही जागरूक नागरिकों को भी प्रयास करने होंगे ताकि ना तो वे झील में गन्दगी डालें और ना किसी को डालने दें. झीलें हमारी अपनी है, क्यूँ इसे खराब करें, और क्यूँ इसे खराब होने दें. यही झीलें हमारे शहर की जान है. यहाँ के लोगों की रोजी-रोटी इस पर निर्भर है. यह बात सभी को सोचनी होगी.