नारायण सेवा संस्थान ने गोद लिया परिवार को
udaipur. दो बच्चों की विकलांगता को लेकर कल तक उनकी मौत मांगने वाली मां अब उनकी जिंदगी की दुआ करने लगी है। उसकी मनोस्थिति में बदलाव नारायण सेवा संस्थान के कारण आ पाया है। दोनों बच्चों की जिंदगी को लेकर परेशान उनकी मां का कहना है कि अब वह कभी अपने नौनिहालों के मरने की मांग नहीं करेगी।
उनका जितना जीवन है वे खुशहाल तरीके से जीएं। संस्थान ने न केवल इस परिवार के मुखिया को रोजगार की दृष्टि से सेनेट्री की दुकान खुलवाई बल्कि सिलाई मशीन और राहत सामग्री भी प्रदान कर उनके जख्मों को अपनत्व के मरहम से भरने का प्रयास भी किया है। संस्थान ने परिवार को गोद लेकर सभी सदस्यों के दु:ख दर्द को अपना समझने का भी संकल्प किया।
सराड़ा पंचायत समिति क्षेत्र के सल्लाड़ा गांव में रहने वाले गणो तेली और उसकी पत्नी रमीला के घर बुधवार सुबह जब संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल अपनी टीम के साथ पहुंची तो इस परिवार के लिए मानो दो माह पहले ही दिवाली आ गई हो। पूरे परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। निदेशक अग्रवाल गणेश तेली के पूरे परिवार से मिली और खाट पर सो रहे भूमिका और तनीश के दर्द की गहराइयों में उतरने का प्रयास किया। दोनों बच्चों की हालत देखकर मौके पर मौजूद हर शख्स् का कलेजा कांप उठा। उनके हृदय से प्रस्फुटित शब्द संभवतया यही कह रहे थे कि भगवान भी इंसानों की परीक्षा न जाने कैसे लेता है। बच्चों के पिता गणेश तेली ने एक मुलाकात में बताया कि जब भूमिका दो वर्ष की थी, तब वह पूरी तरह से स्वस्थ थी। यहां-वहां भागकर खूब मस्तियां करती थी, लेकिन इसके बाद एक दिन न जाने कैसे उसका शरीर निढाल हो गया और बोलने व सुनने की शक्ति खो बैठी। उस दिन से आज तक वह इसी हाल में है। उसका कहना था कि ऐसी ही स्थिति उसके भाई तनीश की है। वह भी दो साल की अवस्था में पहुंचते ही ऐसे हालात में पहुंच गया। इन दोनों बच्चों के इलाज के लिए देवरे गया, झाड़ फूंक करवाई और चिकित्सालयों के चक्कर काटे, लेकिन किसी तरह की राहत नहीं मिल पाई। हां इतना जरूर हुआ कि बच्चों का इलाज कराते-कराते वह आर्थिक संकट में डूब गया। हालांकि सगे संबंधियों और मित्रों ने मदद की, लेकिन संकट बना ही रहा। गत दिनों बच्चों की स्थिति और इने अभिभावकों की व्यथा सामने आने के बाद नारायण सेवा संस्थान ने गणेश तेली से संपर्क किया और उसकी आर्थिक स्थिति को जाना। इसके बाद रोजगार की दृष्टि से सेनेट्री की दुकान खुलवाकर आवश्यकतानुसार सामान खरीदकर दिया। साथ ही इस परिवार को गोद ले लिया। बुधवार को संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल ने फीता काटकर इस दुकान का लोकार्पण किया। इस दौरान समाजसेवी रमेश सिंघवी, सरपंच देवीलाल मीणा, वार्डपंच जौताराम पटेल, केशरीमल कोठारी, वालचन्द पटेल, लक्ष्मीलाल पटेल, हिम्मतसिंह व पप्पू गौस्वामी आदि मौजूद थे।
बहन को सिलाई मशीन, मां को राहत सामग्री
निदेशक अग्रवाल ने भूमिका, तनीश की बड़ी बहन रागिनी को सिलाई के लिए सिलाई मशीन दी तो मां को राहत के लिए खाद्य सामग्री प्रदान की। साथ ही पिता गणेश को सही श्रवण के लिए कान पर लगाने की मशीन दी। बच्चों के दूध को दूध उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही भैंस की व्यवस्था कराने की बात कही।
तनीश राजस्थान का पहला पेंशनधारी
राज्य सरकार की बजट घोषणा अनुसार 0 से 8 साल के विकलांग बालकों को पेंशन योजना में शामिल कर 18 जुलाई को जयपुर से जारी आदेशानुसार सराड़ा विकास अधिकारी ने पेंशन की स्वीकृति जारी कर दी। यह तकनीकी कारणों से ऑनलाइन नहीं हो पाई थी। ऐसे में जयपुर के तकनीकी इंजीनियर परेश कुमार की मदद से पेंशन को ऑन लाइन करवाया गया। इसके साथ ही तनीश बजट की नई योजना में राजस्थान का प्रथम पेंशन धारक बन गया। उल्लेखनीय है कि विकास अधिकारी घीसाराम बामणिया ने भूमिका व तनीश दोनों के पेंशन की स्वीकृति दी।