स्पिकमैके का आलोक में आयोजन
Udaipur. आलोक सी. सै. स्कूल हिरण मगरी में स्पिकमैके की ओर से आयोजित भरतनाट्यम की प्रस्तुति में पूर्वा धनेश्व री के विलासिनी नाट्यम कार्यक्रम ने मन मोह लिया।
धनेश्वरी ने विलासिनी नाट्यम के बारे में बालकों को बताया कि धीरे-धीरे यह कला विलुप्त होती जा रही है। इसका प्रचार व प्रसार करने हेतु उसे जीवित बनाये रखने हेतु इसे देश-विदेश में प्रसारित किया जा रहा है जिससे ये कला सालों साल सभी के मन, मस्तिष्क हृदय पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ सके। उन्होंने कहा कि आलोक एक मन्दिर है जहां बालकों को अध्ययन के साथ-साथ संस्कारों तथा मूल्यों की शिक्षा प्रदान की जा रही है यह अपने आप में अदभुत कदम है। कार्यक्रम में भगवान श्रीगणेश तथा सप्त स्वरों की आराधना उनके द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि देवदासियां मन्दिरों में अलग-अलग तरीकों से पूजा करती थी। ये ईश्वनर के लिए या उन्हें प्रसन्न करने हेतु नृत्य करती थी। इस अवसर पर पूर्वा धनेश्वरी के साथ एच. वासुदेव, आर. कृष्णीन और रजत प्रसन्ना ने प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने पूर्वा व सहयोगी कलाकारों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।