शुभकामनाओं से काम चलाया बधाइयों का, शीत लहर का कहर
उदयपुर। मंगलवार को हालांकि धूप खिलने के साथ दिन में सर्दी का असर कम हुआ था लेकिन शाम ढलते ढलते सर्दी ने अपने तेवर दिखाए और गुरुवार सुबह तो मानों कहर ही ढा दिया। सूर्यदेव दिन भर बादलों की ओट में ही रहे।
कभी-कभार धूप खिली भी तो सर्दी के तेवरों के सामने टिक नहीं पाई। मनुष्य तो मनुष्य , जानवरों तक को सर्दी नश्तर सी चुभती रही। झीलें देखने पहुंचे पर्यटक भी ऊनी वस्त्र पहनकर ही पहुंचे और धूप का आनंद लेते देखे गए। सुबह से धूप सुहानी लग रही थी। नववर्ष के कारण बाजारों में भी हलचल कम ही रही। सिर्फ दफ्तरों में इक्का दुक्का पहुंचे कर्मचारियों अधिकारियों ने आपस में नववर्ष की शुभकामनाएं दी। टीवी पर भी सभी चैनलों पर रोचक कार्यक्रम नहीं दिखने के कारण घर में बैठे दर्शकों को काफी निराशा हुई। ठंड के कारण होटलों में भी भीड़ कम ही रही। मोबाइल से संदेश ब्लैक आउट डे के कारण नहीं भेजे गए जिसका लाभ स्मार्टफोन यूजर्स ने व्हाट्सअप से उठाया और दो दिन तक लगातार फोटोज, वीडियोज और संदेश भेजे जाते रहे।
फतहनगर. सर्दी के मौसम का गुरूवार को पहला ठण्डा दिन रहा जिससे हर कोई कांप गया। रात तो रात दिन में भी सडक़ों पर विरानी छाई रही। लोग सुबह 11 बजे तक भी बिस्तरों में दबे रहे। शाम ढलने से पहले ही लोग रजाइयों में जा दुबके। दिन में भी सर्द हवाओं के बीच जगह-जगह लोग अलाव जलाकर सर्दी का सितम कम करने का प्रयास करते रहे। आसमान में दिन में भी कोहरा छाया रहा। किसानों को चिंता है कि ऐसे ही हालात रहे तो रबी की फसलों में पाला पड़ सकता है। सुबह दस बजे हल्की बूंदाबांदी भी हुई जिससे ठिठुरन बढ़ गई। ठण्ड का आलम यह रहा कि स्कूलों तक में बच्चों की उपस्थिति नगण्य रही। ठिठुरते हुए बच्चे सुबह स्कूल पहुंचे। ग्रामीण इलाकों में ऐसे भी बच्चे हैं जिनके पास स्वेटर तो दूर पहनने को कपड़े तक ठीक से नहीं होते। ऐसे बच्चे भी कक्षाओं में ठिठुऱते रहे। जिला कलक्टर के अवकाश नहीं करने पर अभिभावकों ने रोष जताया तथा मांग की कि प्रशासन सर्दी के सितम को देखते हुए स्कूलों में अवकाश की घोषणा करें।