आवास अधिकार को लेकर महापड़ाव
उदयपुर। माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य पूर्व सांसद वृन्दा करात ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस पार्टी की सरकारें देश में किसानों एवं आदिवासियों की जमीन कौडि़यों के दाम पर छीनकर उद्योगपतियों को उनकी पूंजी बढ़ाने के लिए औने पौने दाम पर बांट रही है, लेकिन आम आदमी को अपना सिर छिपाने के लिए अपना घर बनाने की जमीन देने के लिए नहीं है। दोनों पार्टियों के लिए आम आदमी सिर्फ वोट बैंक है।
वे सोमवार को आवास अधिकार संघर्ष मंच के आह्वान पर आम आदमी के आवास के सपने को पूरा करने के लिए कलक्ट्रेट पर लगाए पड़ाव के दौरान आम सभा को संबोधित कर रही थीं। ये दोनों पार्टियां पूंजीपतियों उद्योगपतियों से चुनावों में पैसा लेकर जनता को गुमराह करके उसका वोट ले लेती है और सत्ता में आने के बाद उन्हीं पूंजीपतियों, उद्योगपतियों को अपनी नीतियों से मालामाल करती है व जनता को लूटती है। करात ने भाजपा व मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये विदेश से काला धन लाने तो बात करते हैं, लेकिन देश में कालेधन वालों को पनाह देते हैं। आज जमीन का व्यवसाय काले धन को निवेश करने का सबसे बड़ा व्यवसाय है, जिसमें भाजपा व कांग्रेस पार्टी के अधिकतर नेता लगे हुए हैं।
करात ने कहा कि आवास नहीं होने का दर्द सबसे ज्यादा महिलाएं समझती है और महिलाओं का जीवन आवास के बिना असुरक्षित बना रहता है। करात ने कहा कि इन दोनों पार्टियों की नीतियों ने जिस तरह के विकास का रास्ता अपनाया है, वह विकास ना होकर इस देश के विनाश का रास्ता है। इस रास्ते से अमीर व गरीब के बीच की खाई और गहरी होकर विस्फोटक स्थिति बन गई है।
करात ने बताया कि इस देश में आम आदमी और गरीबों के खेती व आवास के लिए जितनी भूमि वितरित की गई है, उसमें पश्चिम बंगाल व केरल की वामपंथी सरकारों ने कुल वितरित की गई भूमि में से 80 प्रतिशत भूमि आम आदमी व गरीबों की दी है। सभा में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक अमराराम ने कहा कि पिछली वसुंधरा सरकार ने घड़साना रावला में पानी के लिए हुए आंदोलन तथा शेखावटी में चलाये बिजली आंदोलन में भारी दमन किया, लेकिन वसुंधरा सरकार को अपने घुटने टेक कर आंदोलन के नेताओं से समझौता करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उदयपुर में आवासहीन लोगों का जो संघर्ष शुरू किया है उसे हम पूरे राजस्थान में फैला कर इस आंदोलन को मजबूत करेंगे। सभा को माकपा जिला सचिव बी. एल. सिंघवी, पार्षद राजेश सिंघवी, मंच अध्यक्ष मोहनलाल खोखावत, सामाजिक कार्यकर्ता के. आर. सिद्दीकी, महिला समिति की राज्य उपाध्यक्ष श्रीकान्ता श्रीमाली, कच्ची बस्ती फैडरेशन के प्रताप सिंह देवड़ा आदि ने भी संबोधित किया।
पड़ाव में उदयपुर के हजारों आवासहीन लोग शामिल हुए जो ’’हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते, जमीन दो मकान दो जीने का अधिकार दो, जमीन अपने आप की नहीं किसी के बाप की, इंकलाब जिंदाबाद, भाजपा और कांग्रेस आई चोर चोर मौसेरे भाई‘‘ आदि नारे लगा रहे थे। सभा के पश्चात् वृन्दा करात के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल जिला कलक्टर से मिला और उन्हें 16298 आवासहीन लोगों की सूची सौंप कर उनके आवास के लिए शीघ्र योजना बना उसे लागू करने की मांग की गई, जिस पर जिला कलक्टर ने सौंपी गई लिस्ट का सर्वे करवा कर आम आदमी को शीघ्र आवास मिलने की नीति बना तेजी से लागू करने का विश्वास दिलाया। जिला कलक्टर के आश्वासन के बाद पडाव को स्थगित करने का निर्णय लिया गया।