तीन दिवसीय नूतन आराधना भवन का उद्घाटन समारोह
उदयपुर। नियमबद्ध तरीके से दवा लेना ही बीमारी पर असर करता हैं। बिना नियम के यदि दवा लेते रहोगे तो कई महिनों तक दवा लेने के बावजूद भी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं होगा, उसी तरह नियमबद्ध धर्म करने पर ही फल प्रदान होता है, बिना नियम धर्म करने से फल की प्राप्ति नही होगी तथा खाली धर्म ही नही धर्म करने के साथ-साथ जीवन मे भी सुधार की आवश्यकता है।
ये प्रवचन श्रीमद् विजय सोमसुंदरीश्वर महाराजा ने शुक्रवार को श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक जिनालय, संघ द्वारा हिरण मगरी सेक्टर-4 स्थित जिन मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय नूतन आराधना भवन उद्घाटन समारोह के प्रथम दिन व्यक्त किये। उन्होनें कहा कि करोड़ो रूपए लगाकर मंदिर बनवाने, मूर्ति स्थापित कराने तथा प्राण -प्रतिष्ठा करवाने के भी पश्चात अगर हृदय रूपी मंदिर में भगवान नही हैं तो उस पुण्य का कोई फल प्राप्त नही होगा अपितु नुकसान ही होगा।
इससे पूर्व तीरन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन गुरूवदेव की निश्रा में श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक जिनालय, संघ, उदयपुर के अध्यक्ष सुशील बांठिया के निवास से वर-घोडा निकाला गया, जिसमें सबसे आगे चार घोडे, चार बग्गियां, 21 मंगल कलश लिये चलती महिलाएं, बैण्ड बाजे से सुसज्जित वरघोडे़ के साथ चल रहे गुरूदेव के जगह-जगह जैन धर्मावलम्बी जयकारे लगा रहे थे।
वरघोड़ा हिरण मगरी सेक्टर -5 से आकाशवाणी कॉलोनी, मेन रोड, सेक्टर-4 चोराहा से होकर नूतन जिन मंदिर पंहुचा जहां गुरूदेव ने प्रभु श्री शांतिनाथ भगवान के दर्शन पश्चात प्रवचन सभागार में प्रवेश किया।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष सुशील बांठिया ने कहा कि वि.स.2063 में पूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन और उनकी निश्रा मे नूतन जिन मंदिर में प्रभु श्री शांतिनाथ भगवान की मंगल प्रतिष्ठा हुई। तब से लेकर आज तक गुरूदेव का आशीष संघ पर बरसता रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रात: 9:30 बजे पूज्य गुरुदेव का प्रवचन एवं 108 पार्श्वरनाथ महापूजन का आयोजन होगा तथा 6 अप्रैल को सुबह 9:30 बजे नूतन आराधना भवन का उद्घाटन और पूज्य गुरूदेव की हितशिक्षा का कार्यक्रम होगा।
कार्यक्रम मे संघ के उपाध्यक्ष चेतनलाल दोशी, महामंत्री प्रभाषचंद्र नागौरी, कोषाध्यक्ष रतनलाल नाहर, संरक्षक गिरधारी सिंह भैरविया, संयुक्त महामंत्री अशोक नागौरी एवं श्री शांतिनाथ सामयिक मंडल, श्री शांतिनाथ नवकार मंडल, श्री शांतिनाथ युवा भक्ति मंडल, श्री शांतिनाथ पूजा मंडल एवं धर्मप्रेमियों ने भाग लिया।