उदयपुर। राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार में डायबिटीज जांच औषधालय में की गई जिसमें 135 महिला-पुरूषों रोगियों ने जांच करवाई। इनमें अधिकांश में डायबिटीज रोग पाया गया।
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी विद्यावारिधि वैद्य (डॉ.) शोभालाल औदीच्य ने बताया कि डायबिटीज के रोगी आलू, चावल, दही, ज्यूस, मिठाइयों का सेवन नहीं करें अथवा कम करें। आरामतलब एवं आलस्यपूर्ण जीवन शैली के परिणाम स्वरूप आज अत्यधिक बच्चो, जवानों, प्रौढ स्त्री पुरूषों में डायबिटीज का रोग निरन्तर बढ़ता जा रहा है। अत्यधिक मानसिक तनाव भी डायबिटीज का मुख्य कारण है। आयुर्वेद में वर्णित खानपान में परिवर्तन लाकर मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है तथा आयुर्वेद में बतायी दिनचर्या, ऋतुचर्या का पालन कर एवं अपने खान-पान में आंवला, हल्दी, करेला, जामुन की गुठली, विजयासार, मैथी, गुड़मार, दारूहल्दी, बेहड़ा, हरड़, देवदारू आदि का प्रयोग कर डायबिटीज रोग से बचा जा सकता है। शिविर में डॉ. विष्णु बंशीवाल, नर्स रूकमणी खराडी, अमृतलाल परमार, नर्स इन्दिरा डामोर, कम्पाउण्डर शंकरलाल मीणा, परिचारक रामसिंह ठाकुर ने अपनी निःषुल्क सेवाएं प्रदान की।