उदयपुर। अति प्राचीन सिद्व शिवधाम पीठ महाकालेश्व्र महादेव मंदिर के शिला पूजन एवं स्थापना की सत्रहवीं जयंती षनिवार 8 अगस्त को यहां रानी रोड स्थित महाकालेश्वर महादेव मन्दिर प्रांगण में मनाई गई।
प्रन्यास सचिव चंद्रशेखर दाधीच ने बताया कि समारोह में मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले मासिक सदस्यों और उनके परिवार के साथ ही अन्य भक्त भाग लिया। सुबह भगवान षिव की विषेष पूजा-अर्चना कर सहस्त्र धारा अभिषेक किया गया। महाकालेश्वगर को विशेष श्रृंगार धराया गया। शिवभक्त गंगु कुण्ड से जल लेकर कावड़ यात्रा के साथ महाकाल मंदिर आए जहां भव्य स्वागत किया गया। तथा कावड़ियों द्वारा गंगुकुण्ड से लाए जल से भगवान महाकालेश्वंर का जलाभिषेक किया। तत्पष्चात महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने भाग लिया।
दोपहर में भगवान महाकाल सभा भवन में झूले में विराजे। जहां पर पुष्पों से विषेष श्रृंगार किया गया तथा मंदिर मंे पधारे हुए सभी भक्तों ने भगवान के झूले में बिराजने के दर्षन का लाभ लिया।
मन्दिर निर्माण में मासिक सहयोग व अंष दान करने वाले सदस्यों व उनके परिजनों के लिए मन्दिर प्रन्यास द्वारा सायं 5.30 बजे से महाशिव प्रसादी की गई जिसमें खासी संख्याभ में भक्तों ने सपरिवार परसादी ग्रहण की। सायं मन्दिर के उत्तर की ओर स्थित प्राचीन गंगा घाट पर पारम्परिक गंगा महाआरती किया गया। जिसमें विप्र फाण्डेशन, हरिओम् महिला सत्संग मण्डल व महाकाल कावड़ यात्रा समिति के सहयोग से भव्य गंगा आरती की गई।
गर्भ गृह में ओमकार आकृति में 108 दिये आठों दिशाओं में प्रज्जवलित किए गए जो मंदिर में प्रज्ज्वलित होकर गर्भगृह को प्रकाषमान कर रहे थे। जिसका शिवभक्तों ने दर्शन लाभ लिया।