पेसिफिक फार्मेसी में राष्ट्रीय कार्यशाला
उदयपुर। पेसिफिक कॅालेज ऑफ फार्मेसी एवं एसोसियेशन ऑफ फार्मेसी प्रोफेशनल्स के तत्वावधान में शनिवार को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन विषय “ मेडिसनल केमेस्ट्री प्रसपेक्टीव इन ड्रग डिस्कवरी एण्ड थेरेपी“ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सुबह 10 बजे पेसिफिक विष्वविद्यालय के सभागार में हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. जयाबालन, अध्यक्ष ए पी पी एवं रीटा मोर्या थे। विशिष्ट अतिथि उदयपुर संभाग के ड्रग कन्ट्रोल ऑफिसर सुरेश सामर थे। उद्घाटन समारोह व कार्यशाला के मुख्य वक्ता पेसिफिक विश्व्विद्यालय के कुलपति भगवती प्रकाश शर्मा थे। प्रोफेसर शर्मा ने आज के परिपेक्ष्य में भारत के फार्मा सेक्टर की महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि क्यों भारत में विश्वर की सबसे सस्ती दर पर दवाईयां उपलब्ध है । भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति व पेटेन्ट पद्धति पर भी प्रोफेसर शर्मा ने प्रकाश डाला। जामिया हमदर्द विश्विविद्यालय दिल्ली के डा. मोहम्मद अली व महर्षि दयानन्द विष्वविद्यालय के प्रोफेसर नरसिंहमल ने अपने उद्बोधन दिये। कार्यशाला के संयोजक डा. इन्द्रजीत सिंघवी, डीन फार्मेसी संकाय व सहसंयोजक डा. अलका अग्रवाल ने बताया कि कार्यषाला में राष्ट्रीय स्तर पर कुल 470 फार्मेसिस्ट का पंजीयन हुआ एवं 102 पोस्टर से शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। प्रथम पुरूस्कार वीनू बाला, सुखाडिया विष्वविद्यालय, द्धितीय पुरूस्कार खेमचन्द गुप्ता, पेसिफिक विश्वलविद्यालय, तृतीय पुरूस्कार जूही प्रधान एवं दो सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये गये। समापन समारोह के मुख्य अतिथी डा. एस सी तिवारी, रिसर्च साईन्टिस्ट रोटम प्राईवेट लिमिटेड व एससी आमेटा डीन साइंस संकाय थे। कार्यक्रम के दौरान डा. अषोक दषोरा डीन फार्मेसी, गीतांजली विष्वविद्यालय, डा. चेतन सिंह, प्राचार्य बी एन फार्मेस, डा. राघवेन्द्र प्राचार्य श्रीनाथ कॅालेज अॅाफ फार्मेसी, नरेष खत्री प्राचार्य युएसबी फार्मेसी कॅालेज उपस्थित थे।