उदयपुर। अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच शाखा उदयपुर राष्ट्रसंत गुरू मां गणिनी आर्यिका 105 श्री सुप्रकाशमति माताजी ससंघ के सानिध्य में नव वर्ष के स्वागत में आज रविवार को बलीचा स्थित ध्यानोदय क्षेत्र श्रीसुप्रकाशमति ध्यान केन्द्र में जिनेन्द्र महाअर्चना कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें सुप्रकाशमति माताजी की निश्रा में 51 जोड़ों द्वारा ऋषि मण्डल विधान सम्पन्न किया गया। विधान के मुख्य पुण्यार्जक इन्दु ओमप्रकाश गोदावत थे। धर्मसभा को संबोधित करते हुए सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि नव वर्ष का स्वागत प्रभु भक्ति के साथ करना चाहिये न कि अन्यत्र कहीं जा कर कचरा खा करना चाहिये। भारतीय संस्कृति का नव वर्ष विक्रम संवत की चैत्ऱी एकम को मनाया जाता है। देश में निर्वाण संवत् भगवान महावीर के मोक्ष कल्याणक दिवस यानि प्रतिवर्ष दीपावली को मनाया जाता है। भगवान महावीर का हाल ही में 2543 वंा मोक्षकल्याणक दिवस मनाया गया।
उन्होंने कहा कि सभी ग्रहों एवं विधानों में ऋषि मण्डल विधान सबसे बड़ा विधान है इसलिये इसी विधान की पूजा करने मात्र से ही सभी विधान की पूजा सम्पन्न हुई मानी जाती है। इस विधान की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है। उन्होेंने कहा कि किसी भी समाचार पत्र पर कोई वस्तु रख कर नहीं खानी चाहिये क्योंकि न सिर्फ उस कागज का अपमान होता है वरन् उस समाचार पत्र पर छपी स्याही पेट में जाने से दीर्घकालीन अवधि पश्चात कैंसर होने की संभावना रहती है।
उन्होंने कहा कि ध्यानोदय क्षेत्र में शातिनाथ जिनालय के निर्माण का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष 20 प्रतिशत कार्य के लिए श्रावक-श्राविकाओं से आर्थिक सहयोग देने का आव्हान किया। नव वर्ष को पुण्यार्जन के रूप में मनाना चाहिये। ट्रस्टी ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि इस अवसर पर श्रावक एवं श्राविकाओं ने ध्यानोदय क्षेत्र के विकास के लिए अनेक प्रकार के सहयोग की घोषणा की। नव वर्ष के अवसर पर गोदावत की ओर से ध्यानोदय क्षेत्र में अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को जंहा भोजन कराया गया वहीं श्रवण कवालिया की ओर से सभी इन बच्चों को वस्त्र प्रदान किये गये। शंातिपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सभी ने शंातिनाथ भगवान की पूजा अर्चना कर सभी ने सामूहिक आरती की।