Tag: Brahmachari Dhulichand becomes a fragile Supapa Sea

ब्रह्मचारी धुलीचंद क्षुल्लक सुतप सागर बने
उदयपुर। अंकलिकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनील सागर महाराज ने हिरणमगरी से. 11 स्थित आदिनाथ भवन में सुबह मंगल वेला में ब्रह्मचारी धुलीचन्द जैन सिंघवी को श्रेष्ठ संलेखना समाधि के लक्ष्यपूर्वक क्षुल्लक दीक्षा रूप 11 प्रतिमा के संस्कार देकर क्षुल्लक सुतप सागर बनाया।
पाठक दीर्घा