महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन के अन्तरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा
udaipur. महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के 31 वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2012 के अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रस्तरीय अलंकरणों की घोषणा कर दी गई। समारोह 26 फरवरी, को होगा। अध्यक्षता राष्ट्रकवि बालकवि बैरागी करेंगे। पत्रकारिता के क्षेत्र में दिया जाने वाला सम्मान इस बार दो जनों गुलाब कोठारी एवं हरिन्दर बावेजा को दिया जाएगा।
संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि भारत के प्रति सार्वभौम सम्पादित स्थायी मूल्यों की सेवाओं के उपलक्ष्य में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष दिया जाने वाला कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण डॉ. एन्ड्रयू टॉप्सफिल्ड को भारत और विशेषत: राजस्थान मेवाड़ की चित्रकारी पर शोध एवं लेखन कर अनेक पुस्तकों के माध्यम से भारतीय एवं विदेशी शोधकर्ताओं को नई दिशा देने हेतु दिया जा रहा है। इस अलंकरण के 111001/- की राशि, रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 26/11 मुम्बई हमले के बाद लाहौर-पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैय्यबा के आकाओं से बेबाक साक्षात्कार कर उन्हें मुम्बई त्रासदी का आईना दिखाने वाली टुडे हेडलाईन्स न्यूज चैनल की हरिन्दर बावेजा एवं राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. गुलाब कोठारी को हिन्दी पत्रकारिता एवं भारतीय दर्शन के चिन्तनपरक लेखन से चारित्रिक एवं नैतिक मूल्यों के संवर्धन में योगदान के लिए हल्दीरघाटी अलंकरण प्रदान किए जाएंगे।
साम्प्रदायिक सद्भाव, देशप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता और अखण्डता के क्षेत्र में स्थायी सेवाओं के लिये दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का हकीम खाँ सूर अलंकरण सिने जगत के युवा फिल्म अभिनेता राहुल बोस को 21वीं शताब्दी के भारतीय समाज में फैली छुआछुत जैसी कुरीतियों के विरोध में समाजसेवी संस्था के माध्यम से देश में युवा जागृति लाने हेतु प्रदान किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के क्षेत्र में की गई स्थायी मूल्य की सेवाओं के लिए महाराणा उदयसिंह अलंकरण इस वर्ष देश के प्रसिद्ध इंडियन इंस्टिट्यूट रिमोट सेन्सिंग इसरो के निदेशक तथा भारत के प्रथम सेटेलाइट रिमोट सेंसिंग का उपयोग करने वाले डॉ. पार्थ सारथी रॉय को दिया जाएगा। उन्होंसने भारत के वनों एवं वनस्पति के प्रकार तथा वहाँ की जैव-विविधता संबंधित समस्त मौसमी जानकारियों का संकलन कर उन्हें मानचित्रों सहित प्रासंगिक वर्गीकरणों के साथ परियोजनाओं को कार्यान्वित किया है।
निर्धारित दायित्व सीमा से ऊपर उठकर किये गये कार्य के लिये पन्नाधाय अलंकरण मानवों के साथ निरीह प्राणियों की रक्षा व प्राणी अनाथालय पर कार्य करने वाले आमटे दम्पती डॉ. प्रकाश व डॉ. मंदाकिनी को दिया जाएगा। शहरी जीवन से नाता तोड़कर हेमलकसा, महाराष्ट्र में घने जंगलों के बीच माडिया गोंड जनजाति के उत्थान, शिक्षा के साथ साथ उन्हें भारत की मुख्य धारा से जोडऩे का साहसिक बीड़ा उठाते हुए लगभग 40 वर्षों से जंगल को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। राष्ट्रीय स्तर के उक्त चारों अलंकरणों के तहत प्रत्येक विभूति को 51001 रु. नकद, रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएंगे।