राजस्थान विद्यापीठ का 76 वां स्थापना दिवस का समापन
उदयपुर. राजस्थान विद्यापीठ की स्थापना संघर्ष के साथ शुरू हुई और यह संघर्ष निरंतर जारी है। वर्तमान में कई चुनौतियां है, लेकिन इनका मुकाबला सामूहिक रूप से किया जा सकेगा। चांसलर ने कुलाधिपति की ओर से स्थापना दिवस पर 22 अगस्त को अवकाश की घोषणा की।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए यह संकल्प मंगलवार को विद्यापीठ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लिया। अवसर था, राजस्थान विद्यापीठ विवि के 76वें स्थापना पर आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला का। कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले संस्था गीत के साथ संस्था ध्वज फहराया गया। उसके बाद पं. नागर की प्रतिमा पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस बाद हुए कार्यक्रम में श्रेष्ठ कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं तथा सरकार में समायोजित कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि कुलाधिपति प्रो. भवानी शंकर गर्ग थे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति प्रो. लोकेश भट्ट तथा पीठ स्थविर एस. के. मिश्रा आदि उपस्थित थे।
सत्य, अहिंसा और विवेक का दें साथ : प्रो. गर्ग ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सत्य, अहिंसा और विवेक का साथ दें। बताया गया कि गांधीजी ने हमेशा सत्य अहिंसा और विवेक का समर्थन किया। अहंकारी, अविवेकी, छल, छदम करने वाला भी व्यक्ति होते हैं। हमेशा सत्य, अहिंसा व विवेक का साथ देना चाहिए। विद्यापीठ के समक्ष चुनौतियां और अवरोध आए, संघर्ष से साक्षात्कार भी हुए, लेकिन विद्यापीठ की विकास यात्रा निरन्तरित रही है। चिन्तन करें कि गत एक वर्ष में हमने क्या खोया और क्या पाया? हमारे खाते में कितनी उपलब्धियां आई और हमने आगे बढऩे के कितने अवसर गंवाए या पाये यह ज्ञात करने का इससे बेहतर और दूसरा अवसर नहीं हो सकता है।
हमें आत्म चिन्तन करना है: कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि यह दिवस बीते दिनों – वर्षों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन तथा नए दायित्वों का बोध कराने का है और हमारी भूमिका को फिर से परिभाषित करने का सामय है। जब बाजारीकरण का दबाव सामाजिक विज्ञान और मानविकी पर बढ़ता जा रहा है तब यह प्रयास किया जाना चाहिए कि हम अनुशासनों के सम्बंध में रोजगार मूलक और व्यावहारिक पाठ्यक्रम कैसे हो सकते है। संचालन रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ. ललित पांडे प्रो. एनएस राव, रियाज हुसैन, डॉ. शशि चित्तौड़ा, डॉ. सत्यभूष नागर, डॉ. राजन सूद, डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना, डॉ. सीपी अग्रवाल, डॉ. बीएल फडिय़ा, के के नाहर, डॉ. गिरिश नाथ माथुर आदि उपस्थित थे।
नहीं आए कुलप्रमुख
स्थापना दिवस पर कुलप्रमुख प्रफुल्ल नागर एवं संगठन सचिव भंवर गुर्जर भी मौके पर उपस्थित नही हुए। हालांकि इसके लिए विवि प्रशसन की ओर से आमंत्रण भी भेजा गया था, बावजूद इसके भी दोनों विवि के इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। समारोह में चांसलर संदेश का वाचन रजिस्ट्रार डॉ. प्रकाश शर्मा ने किया।