पार्श्वनाथ जयंती के उपलक्ष्य में समारोह
उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठ संत शासन श्री मुनि राकेश कुमार ने कहा कि प्रभु पार्श्वनाथ एवं प्रभु महावीर दोनों ऐतिहासिक महापुरुष तीर्थंकर हुए हैं। अन्य तीर्थंकर प्रागैतिहासिक तीर्थंकर माने जाते हैं। प्रभु पार्श्वनाथ एवं महावीर ने अहिंसा का उद्घोष किया। दोनों का सांस्कृतिक, आध्यात्मिक निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा। इनके बिना भारत का इतिहास अधूरा है।
वे रविवार को तेरापंथी सभा के तत्वावधान में आनंद नगर स्थित तातेड़ भवन में प्रभु पार्श्वनाथ जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों तीर्थंकरों ने कहा कि किसी से घृणा मत करो। बदले की भावना मत रखो। प्रत्येक व्यक्ति में परिवर्तन की संभावना है। इसमें मंत्र साधना बहुत बड़ा माध्यम है। आज जीवन शैली बहुत अव्यवस्थित हो गई है। प्रत्येक कार्य नियमित रूप से करने का प्रण लें। किसी से राग-द्वेष न रखें। आत्मशुद्धि के साथ आत्म सूक्ष्म की भावना रखें।
मुनि हर्षलाल ने कहा कि अनशन, संथारा किसी प्रतिक्रिया से प्रेरित न हो। किसी से गांठ न रखें। बदला लेने की भावना जन्म-जन्म तक जुड़ी रहती है। उन्होंने बीज मंत्र एवं स्रोत का संगान कराते हुए कहा कि आज की गांठ आज ही खत्म करें। कल के लिए कुछ न छोड़ें। सम्मेदशिखर पर प्रभु पार्श्वनाथ का निर्वाण हुआ। भगवान महावीर से 250 वर्ष पूर्व उनका जन्म हुआ था।
मुनि दीप कुमार ने मेरे जीवन के स्वामी.. तुम एक धाम हो.. गीत का संगान करते हुए बताया कि सभी तीर्थंकरों में विशेष बात यह रही कि सभी का जन्म मध्यरात्रि को हुआ। पार्श्वकुमार राजा नहीं बने इसलिए वे पार्श्वनाथ नहीं पार्श्वकुमार कहलाए। उनके मंत्रों की काफी साधना होती है। विघ्नविनाशक, चमत्कारी के रूप में उन्हें माना जाता है। उनका कल्याण मंदिर स्रोत इसके लिए काफी प्रसिद्ध है।
मुनि यशवंत कुमार ने कहा कि प्रभु पार्श्वनाथ का जन्म जैन परंपरा में विशेष रूप से मनाया जाता है। पार्श्व कुमार का जीवन अपने आप में चमत्कारी माना जाता है। वस्तुतः तीर्थंकर चमत्कार नहीं करते लेकिन हमारी मान्यता हो जाती है कि उनके मंत्रों की प्रभावना से ही हमारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। भगवान ऋषभ से अधिक भगवान चन्द्रप्रभु के और उनसे अधिक प्रभु पार्श्वनाथ के स्रोत, गीत, दोहे, चौपाइयां प्रसिद्ध हुए। मुनि सुधाकर ने भी विचार व्यक्त किए।
तेरापंथ सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि आज मुनिवृंदों द्वारा बताए गए प्रभु पार्श्वनाथ के मंत्रों का जाप वर्ष पर्यन्त करें और अपना जीवन सफल बनाएं। इस नववर्ष में यही मंगल कामनाएं हैं। उन्होंने बताया कि मुनि रवीन्द्र कुमार हजारेश्वर कॉलोनी, साध्वी विश्रुतप्रज्ञा सेक्टर 4 तथा साध्वी गुणमाला श्रीजी भूपालपुरा में विराजित हैं।
कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने व्यक्त किया। आभार सहमंत्री निर्मल जैन ने जताया। आगामी कार्यक्रमों की सूचनाएं उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ एवं तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष चन्दा बोहरा ने दी।
मेगा रक्तदान शिविर 9 को: तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने बताया कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के वर्षपर्यन्त 365 दिन चलने वाले रक्तदान सेवा प्रकल्प के तहत उदयपुर तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में 9 जनवरी को महाप्रज्ञ विहार में रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। इसका समय सुबह 8.30 से दोपहर 2 बजे तक रहेगा।