सनातनी चातुर्मास में 26 को भजन संध्या, 30 को सवा लाख पार्थिव शिवलिंग अनुष्ठान, 3 सितम्बर से होगी भागवत पुराण
उदयपुर। धारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतम संस्कृतिष्तथा अर्थात संस्कृत व संस्कृति के संरक्षण से ही धर्म का संरक्षण हो सकता है। धर्म के संरक्षण से ही राष्ट्र का संरक्षण होगा। धर्म का अर्थ सिर्फ पूजा या उपासना तक सीमित नहीं है, धर्म में मनुष्य के नैतिक संस्कारों, कर्तव्यों, सेवा, परोपकार आदि की सीख भी निहित है।
यह बात मढ़ी मन मुकुंद श्री श्री 1008 दिगम्बर खुशाल भारती महाराज ने गुरुवार को यहां बलीचा स्थित बड़बड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहे सनातनी चातुर्मास स्थल पर आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और अध्यात्म विज्ञान आधारित है। देवशयनी से देवोत्थान एकादशी तक प्रकृति के निखार का समय है, उस समय प्रकृति को बाधित नहीं करना चाहिए, नदी-नालों को उनकी प्राकृतिक गति से बहने देना चाहिए, यही वजह है कि साधु-संत-संन्यासी इस अवधि में एक ही स्थान पर साधना में रत हो जाते हैं और आम समाज को भी धर्म और अध्यात्म का ज्ञान कथाओं व अन्य अनुष्ठनों के माध्यम से प्रदान करने का क्रम करते हैं। उदयपुर में भी ऐसा पहला अवसर है जब यहां सनातनी चातुर्मास का आयोजन हुआ है। नित्य अनुष्ठान जारी हैं। यहां आए साधु-संन्यासी निरंतर साधना में रत हैं। विभिन्न कथाओं व भजन संध्याओं का आयोजन हो रहा है ताकि आमजन में धर्म-संस्कृति के प्रति अनुराग स्थापित हो।
प्रेसवार्ता में आचार्य जीतेन्द्र शास्त्री काशी वाले ने आराधिता शैवन्द्रिणाम भोगस्वर्गापवर्गदा श्लोक का अर्थ बताते हुए कहा कि आराधना व साधना से भोग स्वर्ग व अपवर्ग प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि इस बार दुर्लभ अवसर है कि सावन की पूर्णिमा रक्षाबंधन पर 30 अगस्त को रात्रि 8.52 बजे तक भद्रा रहेगी। ऐसे में इस पावन दिन पर श्रद्धालुओं को अपना समय साधना-आराधना में व्यतीत करना चाहिए। इसी निमित्त सनातनी चातुर्मास में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग के अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन गोवर्धन सागर में होगा। अधिक मास के साथ वाले शुद्ध सावन की पूर्णिमा में दिन भर भद्रा रहने का अवसर 33 वर्ष उपरांत आएगा, ऐसे में यह दिन देवोपासना के लिए महत्वपूर्ण माना है।
उन्होंने बताया कि तीन सितम्बर से भागवत कथा होगी। पंच पुराणों में यह तीसरी कथा का आयोजन होगा। कथा आचार्य हरिओम शास्त्री मथुरा वाले करेंगे। इसी दिन कलश यात्रा भी निकलेगी। कथा 9 सितम्बर तक चलेगी। इसका समय दोपहर डेढ़ बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा।
मीडिया संयोजक मनोज जोशी ने बताया कि इसी शनिवार 26 अगस्त को भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें शंकरपुरी करावली, नगजी पटेल जूनपुरिया, नारायण तेली चावण्ड, अनंत लौहार जावद, उदयलाल भाट केजड़, गौतम पटेल, लालू पटेल, मोड़ पटेल, धनराज पटेल, पंकज डांगी भजनों की प्रस्तुतियां देंगे।