श्री महावीर युवा मंच संस्थान की ओर से सकल जैन समाज का निरंतर पन्द्रहवें वर्ष में सफल आयोजन
उदयपुर। जब एक साथ चौदह घोड़ों पर दूल्हों और बग्घियों में बैठी दुल्हनों की सामूहिक बारात निकली तो देखने वाला हर कोई राहगीर रुक गया। मौका था श्री महावीर युवा मंच संस्थान एवं सामूहिक विवाह समारोह समिति के साझे में सकल जैन समाज के सामूहिक विवाह का जिसमें गणतंत्र दिवस पर रविवार को चौदह जोड़ों ने बेटी बचाओ तथा कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के संकल्प लिया और इसके साक्षी बने सकल जैन समाज के करीब दस हजार लोग जिन्होंने आयोजन में शिरकत की।
शनिवार शाम तक रामचंद्र चम्पालाल धर्मशाला में सभी बारातें पहुंच चुकी थीं। वहां गीत संगीत के साथ विवाह से पूर्व की सभी रस्में निभाई गई। रविवार सुबह नाश्ता करने के बाद दूल्हा-दुल्हनों को नगर निगम प्रांगण स्थित टाउनहॉल पहुंचाया गया। दूल्हा-दुल्हनों के परिजन भी वहां पहुंचे जहां से 9.30 बजे सामूहिक बारात रवाना हुई। बारात की अगुवाई सुसज्जित हाथी कर रहा था। इसके पीछे ऊंटगाड़ी में शहनाई वादक शगुन की धुन बजा रहे थे। उनके पीछे घोड़ों पर सुसज्जित दूल्हे बैठे थे और दुल्हनें बग्घियों में सवार थीं। दूल्हों के पीछे बैण्ड बाजे वैवाहिक गीत गाते-बजाते चल रहे थे। उनके पीछे महिलाएं मंगल गीत गाती चल रही थीं। बारात के बापू बाजार, देहलीगेट, शास्त्री सर्किल होते हुए भूपालपुरा ग्राउंड पर पहुंचने वहां सामूहिक तोरण हुआ।
ग्राउंड में चौदह जोड़ों के लिए मंच के बांयी और दांयी दोनों ओर स्टेज लगाए गए थे। इसके बाद सिंदू के समाजसेवी मांगीलाल लोढ़ा ने ध्वजारोहण किया। यहां संस्थान की महिला प्रकोष्ठ की महिलाओं विजयलक्ष्मी गलुण्डिया, आशा कोठारी, सुशीला मेहता, सुषमा इंटोदिया एवं सरोज जैन ने मंगलाचरण किया। स्वागत संस्थान अध्यक्ष टीनू माण्डावत ने किया। आभार महामंत्री कुलदीप लोढ़ा ने जताया और पूरे समारोह का कुशल संचालन सोनिका जैन ने किया।
दूल्हों के स्टेज पर पहुंचने पर दुल्हनों के परिजनों ने दूल्हों की आरती की और सामूहिक वरमाला की रस्म हुई। दूसरी ओर स्नेहभोज शुरू हुआ। सादगी भरे सीमित व्यंजनों में करीब दस हजार लोगों ने स्नेहभोज का आनंद लिया। दूल्हा-दुल्हनों एवं वीआईपी लोगों के लिए भीड़-भाड़ से बचने के लिए अलग ब्लॉक की व्यवस्था की गई थी।
शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पाणिग्रहण संस्कार की रस्म शुरू हुई। पाणिग्रहण में सात वचनों के बाद बेटी बचाओ एवं कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के रूप में आठवां वचन दिलाया गया। विवाह की रस्म संपन्न होने पर नव दंपत्तियों को महिला प्रकोष्ठ द्वारा बाबुल की दुआएं लेती जा गीत गाकर विदाई दी। यहां से रामचंद्र चम्पालाल धर्मशाला पहुंचने पर दूल्हा-दुल्हनों को विभिन्न श्रेष्ठीजनों से प्राप्त 101 उपहार प्रदान किए गए।
ये रहे अतिथि : कार्यक्रम में प्रेरणा पाथेय के रूप में राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने नवदंपत्तियों को आशीर्वचन प्रदान किया वहीं मुख्य अतिथि के रूप में आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मुकेश मोदी के प्रतिनिधि के रूप में हेमंत जैन एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अविनाश नाहर ने शिरकत की। नगर निगम की महापौर रजनी डांगी समारोह की सम्माननीय अतिथि थीं।
अलंकरण समारोह 2014 : इसके बाद हुए वर्ष 2014 का अलंकरण समारोह में स्थानकवासी जैन कान्फ्रेंस के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष केसरीमल बुरड़ को समाज भूषण अलंकरण, मुंबई मूल निवासी मचींद के समाजसेवी भंवरलाल टोकरचंद पालरेचा को समाज गौरव अलंकरण, बोराव (बेगूं) के श्री भगवतीलाल जैन (मोहीवाल) को समाज निधि अलंकरण, गुजरात के जीव दया संस्थान के अध्यक्ष श्री हुकमीचंद कोठारी को समाज विभूति अलंकरण से सम्मानित किया गया। युवाओं में मुंबई मूल निवासी फलीचड़ा के नेमीचंद सुंदरलाल धाकड़ को युवा गौरव अलंकरण तथा मुंबई मूल निवासी गिलूण्ड गुणवंत कुमार सोहनलाल खेरोदिया को युवा रत्न अलंकरण से सम्मानित किया गया। समारोह में आए अतिथियों के हाथों सम्मानस्वरूप इन्हें माल्यार्पण, उपरणा, शॉल ओढ़ाई गई। साथ ही उपरणा ओढ़ाकर स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
दक्षिण भारत की यात्रा इस वर्ष : संस्थान के संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने समारोह में कहा कि सकल जैन समाज के रूप में हमारा यह पन्द्रहवां सामूहिक विवाह का सफल आयोजन है। मानव सेवा कार्यों के तहत अब तक संस्थान ने 5 स्वामी वात्सल्य किए हैं। भावी पीढ़ी को संस्कारों से परिचित कराने के लिए आवासीय संस्कार शिविर भी संस्थान ने लगाए हैं। इसके अतिरिक्त खास तौर से सम्मेदशिखरजी की यात्रा करवाई है। इस वर्ष दशहरा-दीपावली के मध्य दक्षिण भारत की यात्रा ले जाने की उन्होंने घोषणा की। उन्होंने कहा कि एकता के लिए हरसंभव प्रयास करें। जिला प्रमुख, महापौर जैसे उच्च पदों पर जैन समाज के लोग आसीन हैं। उनसे भी आग्रह है कि वे समाज के लिए कुछ ऐसा काम करें कि आने वाली पीढ़ीयां उनको याद करे।
पांच करोड़ का फण्ड : फत्तावत ने शिक्षा, चिकित्सा एवं भरण पोषण के लिए पांच करोड़ का फण्ड बनाने का प्रस्ताव रखा जिसका चेयरमैन किरणमल सावनसुखा को बनाया गया। इस फण्ड का उपयोग समाजजनों के लिए शिक्षा, चिकित्सा एवं भरण पोषण के काम में लिया जाएगा। इस पर पूरा पाण्डाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा।
संस्थान की नई कार्यकारिणी : संरक्षक फत्तावत ने कहा कि अब तक संस्थान में मनोनयन की परम्परा ही रही है। वर्ष 2014-16 के लिए घोषित कार्यकारिणी में लोकेश कोठारी अध्यक्ष, चन्द्रप्रकाश चोरडिय़ा एवं संजय खाब्या उपाध्यक्ष, चन्द्रशेखर चित्तौड़ा महामंत्री एवं नितिन लोढ़ा को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया। सभी पदाधिकारियों को फत्तावत ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
स्वागत उदबोधन में संस्थान के अध्यक्ष टीनू माण्डावत ने बताया कि संस्थान अब तक 14 वर्षों में 490 सफलतापूर्वक विवाह करवा चुका है। इसके विश्वास का पता इससे चलता है कि अब तक एक भी रिश्ता विवादास्पद नहीं रहा। सभी के सभी सफलतापूर्वक अपना दांपत्य जीवन निर्वाह कर रहे हैं।
इनका रहा सहयोग : सामूहिक विवाह समारोह समिति के मुख्य संरक्षक श्री कांतिलाल जैन (नाकोड़ा ज्योतिष), स्वागताध्यक्ष मनोहरलाल लोढ़ा, संरक्षक दिलीप सुराणा, महामंत्री कुलदीप लोढ़ा, अनिल नाहर, अशोक कोठारी, बसंतीलाल कोठीफोड़ा, चन्द्रशेखर चित्तौड़ा, चन्द्रप्रकाश चोरडिय़ा, दिलीप माण्डोत, गुणवंत वागरेचा, कीर्ति जैन, लोकेश कोठारी, मनोहर चित्तौड़ा, नरेन्द्र पोरवाल, नरेश गडिय़ा, नितिन लोढ़ा, राजकुमार गन्ना, रवि नाहर, रवि माण्डावत, रमेश दोशी, संजय भंडारी, संजय खाब्या, श्याम नागौरी, विजय सिसोदिया, विनोद पारीवाला।