हिन्दुस्तान जिंक भेज रहा है रींगस स्थित कॉलेज में गरीब लड़कियों को
उदयपुर। वेदांता हिन्दुस्तान जिंक गरीब लेकिन प्रतिभावान लड़कियों को अपने रींगस स्थित गर्ल्स कॉलेज में न सिर्फ आगे पढ़ाई के लिए भेज रहा है बल्कि भेजने के लिए लड़कियों के माता-पिता को भी कन्विन्स कर रहा है। इसी का नतीजा है कि आज करीब तीन हजार से अधिक लड़कियां वहां अध्य्यनरत हैं।
राजसमंद के पीपावास निवासी सुगना सालवी माता-पिता एवं दो छोटे भाइयों के साथ रहती है। सुगना के पिता भगवान लाल सालवी बड़ी मुश्किल से लगभग 4000 रुपये महीने के कमाते हैं। सुगना पढ़ाई में निपुण थी। उसने 12वीं कक्षा पी.सी.बी. में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा वह आगे पढ़ाई करना चाहती थी लेकिन उसके पिता की आर्थिक स्थिति के कारण उसका पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो गया।
वेदान्ता की हिन्दुस्तान जिंक को सुगना के बारे में जानकारी मिली। हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी सुगना के परिवार वालों से मिले जो सुगना को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेजना चाहते थे। हिन्दुस्तान जिंक की टीम ने सुगना के परिवार वालों को वेदान्ता पी.जी. गर्ल्स कॉलेज रींगस (सीकर) के बारे में बताया। वेदान्ता पी.जी. गर्ल्स कॉलेज रिग्स, सीकर, ग्रामीण व आदिवासी लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए बनाया गया है। साथ ही हिन्दुस्तान जिंक ने उनको उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए तथा उससे होने वाले लाभ की जानकारी दी। सुगना बीएससी द्वितीय वर्ष प्रथम श्रेणी में पास कर चुकी है तथा इस वर्ष बी.एस.सी. फाइनल इयर में अध्ययन कर रही है। वेदान्ता पीजी कॉलेज में सुगना के जैसी कई लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए पढ़ाई कर रही है।
इसी प्रकार भीलवाड़ा जिले के हुरड़ा निवासी ललिता खाती छोटे किसान की पु़त्री है। उसके पिताजी सात सदस्यों के परिवार में अकेल कमाने वाले है। ललिता को पता है कि उसके परिवार की आय के साधन सीमित है। आय के सीमित साधन होने के कारण परिवार का गुजारा मुश्किल से चलता है। ललिता को पता था कि वेदान्ता की कंपनी हिन्दु स्तान जिंक गांव की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता कर रही है। ललिता ने 64 प्रतिशत अंको के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और अब वेदान्ता पीजी गर्ल्स कॉलेज रींगस, सीकर से बीए में अध्ययन कर रही है।
इसी प्रकार रेशमा मीणा ग्राम पंचायत सिंघटवाड़ा जावर की अलग ही सोच थी। परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं हाने के कारणवष उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने का विचार कर लिया था क्योंकि उनको दोस्त एवं रिष्तेदारों से वित्तीय सहायता का सहयोग नहीं था। लेकिन रेष्मा का बी.ए. के लिए वेदान्ता पी.जी. स्नातक गर्ल्स कॉलेज, रिंग्स के लिए सलेक्षन हो गया। परन्तु दुर्भाग्यवष उसकी मॉं ने गांव से स्कूल दूर होने के कारण उसको भेजने से मना कर दिया। तभी हिन्दुस्तान जिं़क के अधिकारी लगातार उसकी मॉं से बातचीत करते रहे और बच्ची को आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे। अंत में वह एक शर्त पर तैयार हुयी, शर्त थी कि वह अपने विष्वास के लिए वेदान्ता कॉलेज को स्वयं देखेगी। उन्होंने कॉलेज देखी और वह बच्ची को भेजने के लिए सहमत हो गयी।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्युनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि ग्रामीण लड़कियों के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से प्राथमिक स्कूलों एवं कॉलेजों में लड़कियों की संख्या बहुत ही कम है जो एक चिंता का विषय है। जल्दी विवाह, दूरदराज स्कूल, घर के कार्य, यातायात के साधनों का अभाव, सुरक्षा का अभाव, महिला अध्यापिकाओं की कमी, गरीबी तथा अनेकों कारण से लड़कियों की शिक्षा में रूकावट आती जा रही है। यह सत्य है कि एक शिक्षित लड़की एवं महिला पूरे परिवार को साक्षर बना सकती है। शिक्षा के अतिरिक्त, यह लड़कियां चित्रकारी कलाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। अभी हाल ही में प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसका उद्घाटन वेदान्ता फाउण्डेशन के संस्थापक द्धारका प्रसाद अग्रवाल (बाबूजी) ने किया। कौशिक ने बताया कि ग्रामीण बच्चों के लिए, विशेषतः बालिकाओं का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है। हमारा प्रयास रहा है कि हम उन विषयों पर जोर दे सकें जिनका अभाव विद्यार्थी किसी कारणवश ग्रामीण स्कूलों में अुनभव प्राप्त नहीं कर रहे हैं। हमें खुशी हैं कि हम राजस्थान सरकार के साथ मिलकर गांवों में शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वूपर्ण कार्य कर रहे हैं।’’