सामूहिक भागीदारी से विद्यापीठ को अग्रणी बनाने का संकल्प
संस्थापक जन्नू भाई को श्रद्धापूर्वक स्मरण
उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ के संस्थापक शिक्षाविद साहित्यकार मनीषी पं. जनार्दनराय नागर की 18 वीं पुण्यतिथी को विद्यापीठ के विभिन्न विभागों में उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करके उनकी प्रतिमा को पुष्पाजंली अर्पित की गइ।
रजिस्ट्रार डॉ. सीपी अग्रवाल ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम प्रतापनगर स्थित प्रशासनिक भवन उनकी प्रतिमा को पुष्पाजंली एवं संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा की मेवाड़ में शिक्षा का प्रचार-प्रसार एवं समाज सेवा में पं. नागर की महत्वपूर्ण भुमिका रही पं. नागर का अध्यात्म जीवन के अर्थ की व्याख्या करता है। नागर का अध्यात्म संजीवनी के समान है धन, कीर्ति एवं भोग के तड़पते मानव के जीवन के लिये अमृत की शीतलता है। अध्यक्षता करते हुए कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के दोरान उंन्हौने जन जन को शिक्षित करने का आन्दोलन चलाया। उनका दृढ़ विश्वास था कि शिक्षित समाज ही राष्ट्र के उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है। विशिष्टि अतिथि सीपी अग्रवाल ने कहा कि नागर के साहित्य को उनके सामाजिक सरोकारों का प्रतिनिधित्व बताया। जनुभाई के जीवन का संघर्ष उनकी प्रेरणा, उनके जीवन का संकल्प आज वर्षों बाद भी एक दैदीप्य्वान नक्षत्र की तरह विद्यापीठ विश्वविद्यालय में जगमगा रहा है। कुल अध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र जौहर प्रो. जीएम मेहता, प्रो. एनएस राव, सहायक कुल सचिव डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. मंजू माण्डोत, डॉ. हरीश शर्मा, प्रो. पीसी दोशी, डॉ. हिना खान, डॉ. मनीष श्रीमाली, स्पोर्ट्स बोर्ड के चेयरमैन भवानीपाल आशीष नन्दवाना,. जितेन्द्र सिंह चुण्डावत,, राजेन्द्र कुमार वर्मा, डॉ. दिलीपसिंह चौहान, डॉ. कुलषेखर व्यास सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
श्रमजीवी महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पीजी डीन प्रो. पीके पंजाबी कहा कि प. नागर ने राष्ट्र भाषा हिन्दी के माध्यम से स्वाधीनता संग्राम में योगदान दिया। डॉ. युवराज सिंह राठौड़ आदि ने श्रद्धान्जली अर्पित की।
इसी तरह पंचायत युनिट डबोक परिसर मे लोकमान्य तिलक कॉलेज में पं. नागर के ग्रन्थों का पूजन कर उनको नमन किया।, डॉ. शशि चितोड़ा, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. सरीता मेनारिया, डॉ. सुनीता मुर्डिया, डॉ. अनीता कोठारी, प्यारेलाल नागदा, सहित उपस्थित कार्यकर्ताओं ने याद किया। इसी तरह होम्योपैथिक महाविद्यालय फिजियौथैरेपी साहित्य संस्थान, ओसीडीसी श्रीमन्नारायण सीसे स्कूल, स्कुल ऑफ सोशल वर्क, जनशिक्षण एवं विस्तार निदेशालय, इजिनियरिंग महाविद्यालय, कम्प्युटर आईटी., एमबीए विभाग आदि ने जन्नु भई के उनकी 18वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया।