परिणय पुस्तिका का विमोचन
उदयपुर। जेएसजी लेकसिटी चेरिटेबल ट्रस्ट के आर.सी.मेहता के संपादन मे जैन युवक-युवती परिचय निर्देशिक के रूप में निर्मित जैन समाज की परिणय पुस्तिका परिणय सूत्र का विमोचन आज शिक्षा भवन चौराहा स्थित चौगान मन्दिर में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि यूसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष के.एस.मोगरा, विशिष्ठ अतिथि जेएसजी के नार्थ रिजन के कोर्डिनेटर मोहन बोहरा, तेजसिंह बोल्या, बी.एस.नाहर,पारस सिंघवी, हिम्मतसिंह मेहता थे।
केएस मोगरा ने कहा कि जैन समाज के युवक-युवतियों के गैर जैन समाज में हो रहे विवाह तथा विवाह पश्चात बढ़ रहे तलाक के बढ़ते मामलें समाज के लिये अत्यन्त चितंाजनक विषय है। इसमें कहीं न कहंी हमारें संस्कारों में कमी दिखाई देती है। उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि उपरोक्त दोनों बातों पर शोध करने वाले विद्यार्थियों को उनकी ओर से एक लाख रूपयें दिये जाऐंगे। शोधार्थी यह पता लगाये कि इन दोनों बातों के पीछे मूल कारण क्या है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की पुस्तिका समय की मांग बन चुकी है। शिक्षा एवं शिक्षा के बाद बच्चें किस ओर जा रहे है इस पर गहन मंथन की आवश्यकता है। हम स्वयं अपने समाजजनों की इज्जत नहीं करना चाह रहे है। अब साधु-साध्वी भी कहने लगे कि हमें पंथों की सीमाओं को तोड़ कर सिर्फ जैन समाज के रूप में अपनी पहिचान बनानी होगी और बच्चों के विवाह भी पंथों से उपर उठकर करने होंगे।
समाजसेवी किरणमल सानसुखा ने समाज में में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिये 5 करोड़ का फण्ड बनाने की पेशकश की, ताकि समाज के निर्धन युवक-युवती को जहां शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सकें वहीं धनाभाव में कोई भी समाज का व्यक्ति चिकित्सा सुविधा की कमी से नहीं मर सके।
प्रारम्भ में परिचय पुस्तिका के प्रणेता आरसी मेहता ने कहा कि मात्र 3 माह के अन्तराल में देश-विदेश में रहने वाले 800 जैन परिवारों को शामिल किया गया है। इस पुस्तिका में समाज के मध्यम एवं अल्पआय वर्गीय परिवारों को भी स्थान दिया गया है। जेएसजी लेकसिटी की टीम ने इस पुस्तिका के निमार्ण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। समारोह को आलोक पगारिया ने भी संबोधित किया। समारोह में पुस्तिका के निर्माण में सहयोग करने वाले सेवा सहयोगियों का सम्मान किया गया। अंत में हिम्मतसिंह मेहता ने आभार जताया गया।