फैशन शो व एडमेड में खूब बजी तालियां
udaipur. प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय (CTAE) में तीन दिवसीय सांस्कृतिक समारोह, न्यूरोटेक-12 एकल गायन, युगल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य एवं फैशन शो के आयोजन के साथ सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय सभागार में सम्पन्न हुआ। एडमेड प्रतियोगिता मे चिकनी चमेली फेसक्रीम, कत्ले खुजली लोशन, श्रृंगार पर उधार गोल्ड लोन एवं बत्तीगुल बल्ब विषयों पर व्यंग्य कसते हुए विभिन्न विज्ञापनो का प्रदर्शन किया।
अध्यक्षता करते हुए प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. नरेन्द्र एस. राठौड़ ने उद्बोधन में तकनीकी एवं अभियांत्रिकी छात्रों की सहशैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की। डॉ. राठौड़ ने सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में ऐसी गतिविधियों की महत्वता बताते हुए छात्रों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आव्हान किया एवं अपनी शिक्षा को देश की आम जनसंख्या के हित में कार्य करने की प्रेरणा दी।
समूह नृत्य में विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों ने दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया। समूह नृत्य में शहीदों को समर्पित करते हुए, आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब देने और देश की अखण्डता को अक्षुण रखने हेतु प्रेरित किया। छात्र समुदाय ने भारत माता की जयकार कर सभागार को गुंजायमान कर दिया। दूसरी प्रस्तुति में बालीवुड में 1950 से 2012 तक के विभिन्न फिल्मी गीतों एक परदेसी मेरा दिल ले गया, पिया तोसे नैना लागे रे, परदेसिया ये सच है पिया, मेरा पिया घर आया ओ रामजी से लेकर छमक छल्लो तक के नृत्यों का समागम किया।
बड़ी संख्या में छात्र—छात्राओं के एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य आदि में भाग लेने के कारण पूर्व में ही स्क्रीन टेस्ट लेकर मेघावी छात्रों का चयन विभिन्न टीमों में किया गया। कार्यक्रम में सीएलएसयू के सलाहकार डॉ. हेमन्त मित्तल ने बताया कि एकल गायन में 18 प्रतिभागियों ने विभिन्न फिल्मी, गैर फिल्मी, देशभक्ति, राजस्थानी एवं विभिन्न प्रांतों के गीतों का गायन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मेरा रंग दे बसंती चोला गीत पर छात्र समुदाय ने देश भक्ति और ओजस्विता का संचार कर दिया ।
पारम्परिक एवं पश्चिमी वेशभूषा से सजे छात्र—छात्राओं ने एकल नृत्य प्रस्तुत कर अत्यधिक मनोरंजन का समा बांध दिया। एकल नृत्य में 14 प्रतिभागियों ने सिलसिला है चाहत का, एक चतुरनार करके श्रृंगार, कोई बोले दरिया, कजरा मोहब्बत वाला, धूम मचाले धूम आदि की नृत्य नाटिकाओं द्वारा जीवन की आशा निराशा, उतार चढ़ाव को प्रदर्शित करते हुए उम्मीद का दामन ना छोडऩे का संदेश दिया और छात्र समुदाय को झूमने पर विवश कर दिया । विभिन्न प्रतिभागियों को छात्र समुदाय की तालियों के साथ हुटिंग भी मिली।
समूह गायन में प्रतिभागियों ने भक्ति गीत, विभिन्न आंचलिक, देशभक्ति एवं पारम्परिक गीतों का गायन किया व दर्शकों ने तालियों की बौछार कर सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
हिमाचल सरकार की तरफ से पधारे हुए 50 से अधिक ट्रेनर्स ने भी इस सांस्कृतिक समारोह की सराहना करते हुए पहाड़ी अंचल के गीत सुनाकर छात्रों को प्रफुल्लित किया ।
इसी क्रम में 1000 से अधिक छात्रों व छात्राओं एवं शिक्षकों ने सामाजिक कुरीतियों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार और सडक़ सुरक्षा एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु बैनर पर हस्ताक्षर अभियान भी किया। अन्तिम कड़ी के रूप में प्रस्तुत फैशन शो में छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। प्रतिभागियों ने राजस्थानी पारम्परिक वेशभूषा, विभिन्न आंचलों एवं प्रांतो की वेशभूषा एवं पश्चिमी वेशभूषा में स्टेज पर आत्मविश्वास के साथ आकर अपना परिचय दिया तत्पश्चात् निर्णायकों के कठिन प्रश्नों के उत्तर बखूबी दिये । निर्णायकों ने मिस न्यूरोटेक व मिस्टर न्यूरोटेक का चयन किया।