udaipur. हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान सरकार के सहयोग से भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा एवं हुरड़ा तहसीलों में विशाल पशु चिकित्सा अभियान का आयोजन किया। इन महाशिविरों में तकरीबन 5000 किसानों ने अपने लगभग 60,500 पशुओं की जांच कराई।
विश्व् में पशुधन की सबसे अधिक आबादी भारत में है जिसकी गणना तकरीबन 275 करोड़ बताई जाती है। राजस्थान में पशुपालन क्षेत्र, राज्य के राजकोष में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है तथा अकेले पशुधन से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 प्रतिशत का योगदान है। राजस्थान में लगभग 570 लाख पशुधन है तथा यह राजस्थान के ग्रामीण लोगों की आय का एक मुख्य स्रोत है। राज्य के ग्रामीण लोगों की पशुधन पर निर्भरता को समझते हुए तथा उनकी सतत् आजीविका को ध्यान में रखकर वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक समय-समय पर पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए शिविरों का आयोजन करता रहता है। गत चार महीनों के दौरान विभिन्न चिकित्सा शिविरों के माध्यम से लगभग 35,000 पशुओं का टीकाकरण किया गया तथा 25,500 से अधिक पशुओं की गहन जांच एवं निदान किया गया है। इस तरह के चिकित्सा शिविरों से पशुओं की मृत्यु दर एवं बिमारी दर में अप्रत्याशित कमी आई है जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण लोगों की उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक सक्रिय रूप से दुधारू जानवरों के दुध उत्पादन की क्षमता में उत्पादकता बढ़ाने के लिए पशु कृत्रिम गर्भाधान एवं पशु प्रतिरक्षण (इम्यूनाईजेशन) के माध्यम से नस्ल सुधार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।