राजस्थान विद्यापीठ के रजत जयंती वर्ष का समापन समारोह
Udaipur. राज्य के जनजाति एवं पंचायतीराज मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि समाज का समग्र विकास शिक्षा से संभव है, लेकिन अब वर्तमान परिप्रेक्ष्य भी बदला है। अब संस्थानों में ऐसे छात्रों को तैयार करने की आवश्याकता है, जो राष्ट्रब निर्माण की भावना में समर्पित हो। इसका बहुत बडा़ दायित्व हमारे अध्यापकों पर हैं। अब हमारे शिक्षण संस्थानों से अधिक से अधिक इंजीनियर, डॉक्टर, कलक्टर, पायलट और शिक्षक निकलें।
वे शनिवार को राजस्थान विद्यापीठ के रजत जयंती समारोह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में हुए आयोजन के विशिष्ट अतिथि सांसद रघुवीरसिंह मीणा थे। अध्यक्षता कुलाधिपति प्रो बी. एस. गर्ग ने की। कंप्यूटर साइंस एंड आईटी की जरनल का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया।
शोध संख्या बढे़ : सांसद मीणा ने नवाचार अपनाने और शोध संख्या में बढोत्तरी करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे इस आदिवासी अंचल में शोध के जितने अवसर है उतने ही विषय भी। शोध कार्यों का लाभ निश्चित तौर पर इन गरीब और आदिवासी लोगों को मिल सकेंगा।
समाज की जिम्मेदारी शिक्षक की : कुलाधिपति प्रो गर्ग ने कहा कि राष्ट्रन की शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति में विद्यापीठ निरंतर सक्रिय हैं। स्थापना दिवस हमारी आत्म चिंतन का दिवस है। अच्छे समाज को बनाने की जिम्मेदारी शिक्षक की है। जिसकी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे छात्र निर्माण अपना सर्वस्व दें और समाज के सामने ऐसे छात्रों को उपस्थित कर मिसाल कायम करें। प्रारंभ में कुलपति प्रो एस एस सारंगदेवोत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्व।विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संचालन रजिस्टार डॉ. प्रकाश शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पीठ स्थविर एसके मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर, डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना, डॉ एम. एस. राणावत, डॉ. जीवनसिंह राणावत, डॉ. ललित पांडेय, डॉ एस. एन. राव आदि उपस्थित थे।