पेसिफिक में दो दिनी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ
Udaipur. गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला ने कहा कि वैश्विक मंदी के निवारण के लिये अर्थव्यवस्था एवं कारोबार के लिये परिवर्तनशील प्रबन्धन के साथ-साथ सामरिक तत्परता का विकास करना अत्यन्त आवश्यक है। वे पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्ध अध्ययन संकाय द्वारा आयोजित ’मैनेजिंग चेंज इन बिज़नेस एण्ड इकोनॉमी’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंनने कहा कि आज के बदलते वैश्विक परिवेश में अर्थव्यवस्था में होने वाले नित नये परिवर्तनों को भलीभांति स्वीकार करते हुये उनमें सतत नवीनीकरण एवं नवाचारों का सतत् विकास करना भी एक सफल अर्थव्यवस्था की कुंजी है। पेसिफिक यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन बी. आर. अग्रवाल ने देश-विदेश से काफी संख्या में आए विषय विशेषज्ञों व शोधार्थियों का स्वागत किया।
उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता एमडीआई गुडगांव के निदेशक सी. पी. श्रीमाली ने कहा कि परिवर्तन एक अवश्यंभावी सत्य है तथा परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना नवीनतम व्यावसायिक नीतियों, पद्धतियों, व्यवहारों, एवं व्यूह रचनाओं के द्वारा ही सम्भव है। परिवर्तनों का यह प्रबन्ध ही आर्थिक शिथिलता के इस दौर से राष्ट्र को बाहर निकाल सकता है।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रो. प्रेसिडेन्ट प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि आर्थिक संकट के इस दौर में द्रुत आर्थिक दर बनाये रखने हेतु प्रबन्धन के नये-नये एवं अद्धितीय तरीकों, तकनीकों का विकास करने हेतु सतत् प्रयास करने होंगे। उन्हों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से 1000 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए हैं जिनमें से 850 शोध पत्रों को पत्रवाचन हेतु स्वीकृत किया एवं जिसमें वित्तीधय प्रबन्धन, विपणन प्रबन्धन, मानव संसाधन, सूचना एवं प्रोधौगिकी, व्यापार और आर्थिक पर्यावरण सेवा क्षेत्र, उद्यम विकास, राजकोषीय प्रबन्धन, कारोबारी सदाचार, कल्याण और सामाजिक सुरक्षा प्रणाली, नियामक कानून, राजनीतिक और अर्थव्यवस्था शाखा सहित 14 समानान्तर तकनीकी सत्रों में पत्रों का वाचन किया गया।
संगोष्ठी में ईरान, ईराक, मैक्सिको, ईटली, भूटान, बांग्लादेश, ओमान, यूएई, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, उडीसा, हिमाचल प्रदेश आदि स्थानों से कुल मिलाकर शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमें से 22 शोध पत्र अन्तर्राष्ट्रीय जगत से प्राप्त हुए। विश्वविद्यालय में प्रातः 11.30 बजे से शुरू होने वाली संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता एमडीआई गुड़गांव के निदेशक सी. पी. श्रीमाली तथा मुख्य अतिथि गुजरात की राज्यपाल श्रीमती कमला रहीं। सम्मानित अतिथि एमपीयूएटी के वाइस चांसलर प्रो. ओ. पी. गिल थे। उन्होने अधिवेशन की प्रासंगिकता का व्याख्यान करते हुये बताया कि यह अधिवेशन देश-विदेश से आये शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं उद्योगपतियों के लिये ज्ञान के लिये आदान-प्रदान का एक मुख्य अवसर है। मुख्य समन्वयक प्रो. हर्षिता श्रीमाली ने बताया कि पहले दिन दो टेक्निकल सत्र होंगे एवं 7 अप्रैल को दो टेक्निकल सत्रों का संचालन किया जाएगा। समापन 7 अप्रैल को होगा। अतः यह अधिवेशन ना सिर्फ प्रबन्धन की नवीन तकनीकों वरन् यह संगोष्ठी आज के परिवर्तनशील एवं प्रतियोगी वातावरण में सफलतम साबित होगी। धन्यवाद आयोजन सचिव डॉ. महिमा बिरला ने दिया।