Udaipur. वेदांता ग्रुप के हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सामाजिक सरोकारों के तहत शुरू किए गए स्वयंसेवी सहायता समूहों का लाभ सुदूर ग्रामीण अंचल तक पहुंच रहा है। उदयपुर के बीछड़ी गांव की शहनाज हुसैन तो जिंक की सराहना करते नहीं अघाती हैं।
वे अपने दो बच्चों के साथ बीछड़ी में रहती हैं। उनके पति की 15 साल पहले अकस्मात मुत्यु हो गयी थी तथा अपने 2 बच्चों का पालन-पोषण करना भी शहनाज के लिए बहुत मुश्किल हो रहा था। पैतृक मकान में रहने के सिवाय उसके पास किसी तरह का वित्तीय सहारा नहीं था। बच्चों की शिक्षा, भोजन, दैनिक खर्च आदि के लिए आर्थिक सहायता की जरूरत थी।
शहनाज प्रतिकूल परिस्थितियों को बदलने के लिए अपना खुद का कोई काम करना चाहती थी। इसी दौरान शहनाज को हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा चलाये जा रहे स्वयं सहायता समूहों की जानकारी मिली। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा प्रोत्साहन एवं आत्मविश्वा्स मिलने पर शहनाज ‘जय हिंद स्वयंसेवी सहायता समूह’ की सदस्य बन गई। हिन्दुस्तान ज़िंक ने शहनाज हुसैन के साथ-साथ बीछड़ी गांव की अन्य 19 ग्रामीण महिलाओं को सिलाई कढ़ाई में प्रशिक्षण दिया ।
प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके कौशल में सुधार के बाद हिंदुस्तान ज़िंक ने उनके लघु उद्योगों को विकसित करने के लिए बैकों से जोड़ कर सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया। कुछ समय पश्चात् इन महिलाओं ने स्थानीय स्तर पर कढ़ाई आदि काम के साथ रेडीमेड कपड़ों का काम भी शुरू कर दिया।
महिलाओं की कार्यकुशलता को देख कर हिन्दुस्तान जिंक के माध्यड़म से शहनाज ने ‘फैब इंडिया’ से सम्पर्क किया। ‘फेब इंडिया’ हाथ से बने कपड़ों का एक प्रमुख खरीददार है। फैब इंडिया की टीम को शहनाज व अन्य सदस्यों का काम बेहद पसंद आया और उन्होंने साथ ही काम का एक बड़ा ऑर्डर भी दे दिया।
आज शहनाज 5 से 6 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रही है। अब शहनाज में पहले से अधिक आत्म विश्वासी हैं। उसने लड़की की शादी कर दी है और अपने लड़के को शिक्षित कर रही है। शहनाज अब हिंदुस्तान जिंक के अन्य स्वयं सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं को सिलाई और कढ़ाई का कौशल सिखा रही है। शहनाज हुसैन का कहना है कि हिन्दुस्तान जिंक ने उसे आर्थिक रूप व सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है। कंपनी ने उस वक्त उसकी मदद की जब उसे आत्मविश्वा स की बेहद जरूरत थी।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की परियोजना के माध्यम से वेदांता हिंदुस्तान जिंक राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय काम कर रहा है। कंपनी ने 483 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है जिससे लगभग 6030 ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो रही है। इन महिलाओं को हस्तशिल्प, कढ़ाई, टेराकोटा और सिलाई सब्जी की खेती सहित विभिन्न व्यावसायिक विषयों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।