Udaipur. ’देश के गौरव का स्थान पत्रकारिता में प्रथम होना चाहिए। भारतीय विचार एंव चिन्तन को विश्व में मान्यता मिल रही है। इस संबंध में घट रही घटनाओं को प्रमुखता से छापे जाने की आवश्यकता है। पत्रकारिता पर व्यांवसायिकता हावी हो सकती हैं किन्तु भारत गौरव की घटनाओं के प्रकाशन पर किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है।
ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख नन्दलाल ने विश्व संवाद केन्द्र द्वारा आयोजित देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार सम्मान समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में सत्य को अवश्य स्थान मिले ऐसा सत्य जिससे सुखद सृष्टि का निर्माण हो सके। सजग पत्रकारिता आर्थिक विकास के साथ-साथ जीवन मूल्यों के विकास एवं संवर्धन को भी उचित स्थान दे। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकता को पहचान कर उसे मूर्त रूप देने का प्रयास जो उनके द्वारा किया गया उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। पोकरण परीक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकता से विश्व को परिचित कराने में पत्रकारिता एक अहम भूमिका अदा कर सकती है।
मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुए वासुदेव देवनानी ने कहा कि पत्रकार को एक मिशन के रूप में कार्य करने की शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का प्रमुख उद्देश्य सत्य को उद्घाटित, स्थापित करना होना चाहिए। किन्तु सत्य के साथ-साथ प्रस्तुतिकरण पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
अध्यक्षता करते हुए पंजाब केसरी के वरिष्ठ संवाददाता डॉ. मुनेश अरोड़ा ने कहा कि एक पत्रकार को परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर समाचारों का लेखन एवं संपादन करना चाहिए। पत्रकार की विशिष्टता के बारे में उन्होंने बताया कि ’पत्रकार की नाक श्वान की नाक होती है’
राजसमन्द जिले के प्रिंट मीडिया के 13 युवा एवं नवोदित पत्रकारों का सम्मान किया गया एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये गये । इन पत्रकारों में दिलीप वनवानी, शैलेष चोरडिया, नरपतनाथ सिंह चौहान, अजीत उपाध्याय, प्रमोद भटनागर, नवीन सनाढ्य, अश्वनी प्रताप सिंह, लोकेन्द्रसिंह पंचोली, लक्ष्मण सिंह राठौड़, योगेश श्रीमाली, हेमन्त दाधीच, नरेन्द्र पूर्बिया, गिरिश व्यास एवं अरूण वर्मा सम्मिलित थे।
आरम्भ में काव्य पाठ रवि बोहरा ने किया। केन्द्र प्रभारी कमल प्रकाश ने विश्व संवाद केन्द्र द्वारा वर्ष पर्यन्त संपादित की जाने वाली गतिविधियों एवं पत्रकार सम्मान समारोह का परिचय दिया। डॉ. सुरेश अग्रवाल ने अतिथियों का परिचय दिया। संचालन डॉ सुभाष भार्गव ने किया। कार्यक्रम के अन्त में विश्व संवाद केन्द्र व्यवस्थापक भारत भूषण ओझा ने धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किये गये। कार्यक्रम का समापन राष्ट्र गीत वन्देमातरम् के साथ हुआ।