फतहनगर. क्षेत्र में टोलकर्मियों की मनमानी के चलते वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। टोलकर्मी है कि सरकारी फरमानों को भी दरकिनार करने से नहीं चूक रहे हैं। केन्द्रीय परिवहन मंत्री रहते डॉ. सी. पी. जोशी ने लोकसभा में कहा था कि जिले में पंजीकृत वाहनों से आधा टोल ही वसूला जाए।
यदि कहीं से भी कोई शिकायत आती है तो उन्हें बताया जाए, लेकिन टोल नाकों पर हालात अलग ही नजर आते हैं। उदयपुर-चित्तौड़ मार्ग पर सिंहपुर के नजदीक स्थापित टोल के कर्मचारी इसे मामने को ही तैयार नहीं है। वे जिले में पंजीकृत सभी वाहनों के पूरे पैसे वसूल कर रहे हैं। इतना ही नहीं यदि इस नियम को बताया भी जाता है तो भी वे इसे मानने को ही तैयार नहीं है। ऐसे में लोकसभा में दिए गए मंत्री के बयान आखिर कब सार्थक होंगे। टोल वसूलने के साथ ही सडक़ का रखरखाव भी आवश्यक है लेकिन ठेकेदारों को मतलब टोल वसूलने से ही है। फतहनगर से चित्तौड़ के बीच डिवाइडर तो बने हैं लेकिन डिवाइडर के बीच उगी वनस्पति सिंचाई के अभाव में पूरी तरह से सूख चुकी है। ऐसे में रात्रि के समय वाहनों की लाइट गिरने से चालक खासे परेशान होते हैं।
टोल राशि में इतना अंतर क्योंख : उदयपुर से चित्तौड़ की दूरी करीब 120 किमी है लेकिन इस दूरी पर भी दो टोल नाके बना दिए गए हैं। इससे लोगों की जेब काटी जा रही है। लोगों को दोनों टोल नाकों पर राशि अदा कर निकलना पड़ता है। बताया गया कि डबोक के समीप स्थित टोन नाके पर छोटे वाहनों की वापसी का टोल 45 रूपए है जबकि सिंहपुर के समीप स्थित टोल नाके पर वापसी के वाहनों का 70 रूपया वसूला जा रहा है। दूरी में अधिक अंतर नहीं होने के बावजूद राशि में भारी अंतर से लोग खफा हैं। इतना ही नहीं दरीबा जाने वाले वाहनों को भी कम दूरी के बावजूद अधिक टोल देना पड़ रहा है। टोल की राशि की ही बात करें तो राजस्थान के टोल नाकों पर मध्य प्रदेश के मुकाबले अधिक टोल वसूला जा रहा है। निम्बाहेड़ा से मन्दसौर तक का मार्ग अच्छा है लेकिन फिर भी इस पर टोल राजस्थान के मुकाबले आधा भी नहीं है।
पत्रकार भी हैं परेशान : संवाददाताओं को कवरेज के लिए इधर-उधर जाना पड़ता है लेकिन टोलकर्मी इन्हें भी नहीं छोड़ते। प्रिंट एवं इलेकट्रोनिक मिडिया से जुड़े लोगों को टोल नाकों पर नहीं बख्शा जाता। ऐसे में पत्रकार भी परेशान हैं। मान्यता प्राप्त अखबारों के पत्रकारों का कहना है कि टोल कम से कम संभाग स्तर पर तो माफ हो ताकि वे अपने क्षेत्र में रिपोर्टिंग के लिए बेरोकटोक जा सकें।