पाणिग्रहण संस्कार 8 को
उदयपुर। बड़ी स्थित सेवा महातीर्थ में शनिवार को दो दिवसीय 21 वां विकलांग विवाह सामूहिक विकलांग विवाह एवं निर्धन युवक-युवती विवाह समारोह शुभ मुहूर्त में गणपति की स्थापना के साथ प्रारम्भ हुआ।
इसमें देश के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक दानदाताओं व समाजसेवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर अतिथियों, भामाशाहों व उन धर्म माता-पिताओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने समारोह में कन्यादान में सहयोग किया। 6 दिसम्बर को जयपुर में नारायण सेवा संस्थान द्वारा फिजियोथैरेपी हॉस्पीटल एवं रिचर्स सेन्टर के शुभारम्भ की जानकारी देते हुए कैलाश मानव ने बताया कि जयपुर के रामप्रकाश वैद परिवार द्वारा निर्मित इस हॉस्पीटल में निर्धन, निःशक्त एवं वृद्ध लोगों को निशुल्क सेवाएं उपलब्ध करवाई जाऐगी।
मेहन्दी – संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल के सान्निध्य में परिणय सूत्र में बंधने वाली युवतियों के मेहन्दी मांडने की रस्म पूरी की गई। संस्थान साधिकाओं व विभिन्न राज्यों से आई महिला अतिथियों ने ढोलक की थाप पर मेहन्दी के परम्परागत गीत प्रस्तुत किए।
बिन्दौली : शाम 4 बजे नगर निगम परिसर से सजी-धजी बग्गियों में परिणय सूत्र में बंधने वाले युगलों की बाजे-गाजे के साथ बिन्दौली निकाली गई। बिन्दौली निगम परिसर से रवाना होकर सूरजपोल, बापू बाजार, देहली गेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल होते हुए चेटक सर्कल मोहता पार्क पहुंची। यहां से बसों द्वारा सभी युगल व अतिथि विवाह स्थल सेवा महातीर्थ बड़ी पहुंचे। बिन्दौली में संस्थान साधक व बाहर से आये अतिथि नाचते-गाते चल रहे थे।
महिला संगीत : रात्रि 8 बजे सेवा महातीर्थ बड़ी में निर्मित विशाल विवाह पाण्डाल में महिला संगीत एवं नृत्य का आयोजन किया गया। जो देर रात तक चलता रहा।
विवाह समारोह 8 को : पाणिग्रहण संस्कार रविवार को प्रातः 11.15 बजे तोरण एवं वरमाला की रस्म अदायगी के साथ सम्पन्न होगा। प्रत्येक जोड़े के विवाह के लिए वैदियां बनाई गई है। विवाह के पश्चात् दोपहर 3 बजे नव-युगलों को गृहस्थी के सामान के साथ अलग-अलग वाहनों में उन्हें अपने-अपने घरों के लिए देव पूजन के पश्चात विदा किया जायेगा।