नगर निगम की बोर्ड बैठक में राजस्व विभाग पर उठी अंगुलियां
रूट तय, जल्द ही चलेंगी सिटी बसें
उदयपुर। आज नगर निगम बोर्ड की बैठक आरंभ में शांति के बाद हंगामेदार रही। पार्षदों ने नगर निगम द्वारा उद्यानों में लगवाए जाने वाले डस्टबिन के प्रारूप को लेकर हंगामा किया। यहां तक कि बाद में जिला कलक्टर को भी ज्ञापन दिया। इसके अतिरिक्त बोर्ड की बैठक में वर्ष 2014-15 का 213 करोड़ रुपए का बजट भी रखा गया। शहर के दो रूटों पर 16 सिटी बसें चलना अमूमन तय हो चुका है जो इस माह 15 फरवरी के बाद कभी भी शुरू हो जाएंगी।
बैठक समाप्ति के बाद जब उद्यानों में लगने वाले डस्टबिन सामने लाए गए तो कुछ पार्षद देखते ही भड़क उठे। उनका आरोप था कि हनुमानजी के प्रारूप के डस्टबिन बनाने से गलत संदेश जाएगा। इस पर महापौर ने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं है। ऐसे डस्टबिन नहीं बनवाए जाने चाहिए। उधर आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया कि मुझे नहीं मालूम। जानकारों के अनुसार इससे पहले निगम परिसर में 50 डस्टबिन रखे हुए थे लेकिन हंगामा मचते ही वहां से तुरत-फुरत में हटा दिए गए। पार्षद एक प्रारूप लेकर निगम में ही धरने पर बैठ गए। वहां से बाद में जिला कलक्टर के यहां पहुंचे और ज्ञापन दिया। इस दौरान भाजपा पार्षद अर्चना शर्मा, नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली, ज्योति राजोरा, राजकुमारी मेनारिया सहित कई पार्षद मौजूद थे।
निगम की बोर्ड की बैठक नियत समय 12.15 बजे शुरू हो गई। अमूमन 11 बजे या 2 बजे बैठक होने की बात कहकर पार्षदों के इस समय पर बैठक करने का कारण पूछा जिस पर महापौर रजनी डांगी ने बसंत पंचमी का शुभ दिन होना बताया। हालांकि गैराज समिति का जिम्मा धनपाल स्वामी के पास है लेकिन स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि सिटी बसों के दो रूट तय कर लिए गए हैं। इन पर 16 बसें चलेंगी। निगम को इसमें कुछ देना भी नहीं पडे़गा बल्कि और कुछ आय होगी। बसें जिन रूटों पर चलना तय हुई हैं वे हैं रामपुरा चौराहा वाया डबोक जो 26 किमी. का होगा तथा दूसरा रूट टीबी हॉस्पिटल बड़ी से गीतांजलि मेडिकल कॉलेज जो 18 किमी. का होगा। इन दोनों रूटों में अमूमन काफी हिस्सा कवर किया जाएगा।
राजस्व विभाग संदेह के घेरे में
पार्षदों ने राजस्व विभाग की कार्यशैली पर अंगुलिया उठाईं। बजट में वित्तीय वर्ष की आय मात्र 15 हजार रुपए बताई गई जिस पर नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली के पूछने पर महापौर ने राजस्व निरीक्षक नितिश भटनागर को खड़ा किया। वे श्रीमाली के प्रश्नों का जवाब तक नहीं दे पाए। इस पर बैठक में मौजूद विधायक एवं ग्रामीण विकास पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि फोटोग्राफी के खुले ठेके करवाकर आय का स्रोत बनाया जा सकता है। इसी प्रकार होर्डिंग्स को लेकर भी भटनागर संदेह के घेरे में रहे। कांग्रेस पार्षद अजय पोरवाल ने भारी-भरकम बकाया राशि वाली एजेंसी (एनएस पब्लिसिटी) को ही वापस ठेके देने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसी एजेंसी को वापस होर्डिंग्स का ठेका क्यों। दिया गया जबकि उससे अब तक निगम की करोड़ों की बाकियात है। महापौर ने राजस्व एवं वित्त समिति को मिलकर इस मामले को सुलटाने को कहा। श्रमजीवी कॉलेज के बाहर एवं सूरजपोल के बाहर इस एजेंसी द्वारा निर्मित यूरिनल को डिसमेंटल करने या फिर निगम द्वारा अपने कब्जे में लेने की बात आई।
कांग्रेस पार्षद मोहम्मद अयूब ने कॉम्प्लेक्सों के पार्किंग क्षेत्र में दुकानें बनाने की बात उठाई जिस पर महापौर ने बजट बैठक का हवाला देते हुए टाल दिया। अयूब ने पानीराम सोसायटी की भी बात कही जिसे भी होहल्लेे में दबा दिया गया। आए दिन होने वाली रोड कटिंग को लेकर पार्षद विजय आहूजा ने कहा कि महानगरों में जिस तरह रोड कटिंग के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई जाती है, वैसी मशीन यहां भी मंगवानी चाहिए। इस पर राजस्व समिति अध्यक्ष प्रेमसिंह शक्तानवत ने कहा कि बात चल रही है। मशीन जल्द ही यहां आएगी।
इससे पूर्व मिनी ऑडिटोरियम की प्रशासनिक के साथ वित्तीय स्वीकृति को लेकर भी हंगामा हुआ। बाद में महापौर ने कहा कि फिलहाल सिर्फ प्रशासनिक स्वीकृति के लिए प्रस्तायव है। बाद में मॉडल आने पर वित्तीय स्वीकृति ली जाएगी। हिरणमगरी सेक्टर 3 में रेडक्रॉस सोसायटी की सहायता से गैस आधारित शवदाह गृह बनाने की भी मंजूरी दी गई। इसके तहत इसका संचालन एवं रखरखाव सोसायटी करेगी।
बने हर तरफ स्वागत द्वार
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राजमंत्री कटारिया ने कहा कि शहर की शुरुआती सीमा पर भव्य प्रवेश द्वार होना चाहिए ताकि आते ही पर्यटक को लगे कि उदयपुर आ चुका है। इसी प्रकार बच्चों के झूले भी उद्यानों में लगाए जाएं। कमल तलाई को गार्डन के रूप में विकसित किया जाए ताकि बुजुर्ग भी दिन में वहां जाकर विश्राम कर सकें।