रिश्वत लेने में दिखाई दरियादिली, ब्यूरो ने की कार्यवाही
उदयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों की टीम ने अपनी ही बैंक से सेवानिवृत शाखा प्रबंधक से अवकाश के एवज में भुगतान के पैसे जारी करने के एवज में 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए बैंक के डिप्टी रजिस्ट्रार को गिरफ्तार किया। आरोपी ने रिश्वत के एवज में 25 हजार रूपए मांगे थे और धीरे-धीरे कम करता हुआ 10 हजार रूपए पर आ गया था।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी ने बताया कि नीलिमा (परिवर्तित नाम) उदयपुर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक के पद से 31 मई 2012 को सेवानिवृत हुई थी। कार्यकाल के दौरान लोन स्वीकृति में हुई कुछ गड़बड़ी के कारण इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी। इसी कारण बैंक की ओर से ग्रेच्यूटी के 10 लाख रूपए और अवकाश नहीं लेने के एवज में दिया जाने वाला भुगतान के 3.50 लाख रूपए रोके हुए थे। लगातार बैंक के चक्कर काटने के कारण 28 नवम्बर 2013 को उसकी ग्रेच्यूटी के 10 लाख रूपए उसे मिल गए। इसके बाद अवकाश नहीं लेने के एवज में दिया जाने वाला भुगतान के 3.50 लाख रूपए नहीं मिल पा रहे थे। इसके लिए सेवानिवृत शाखा प्रबंधक की ओर से चैयरमेन उदयपुर सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक प्रधान कार्यालय को अपील की थी। इसकी जांच के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार जयदेवसिंह पुत्र अर्जुनसिंह देवल निवासी नागौर हाल गोकुल विलेज सेक्टर 9 को अधिशासी अधिकारी नियुक्त किया था।
सेवानिवृत शाखा प्रबंधक की ओर से की गई अपील का निर्णय बैंक की बैठक में होता है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद 15 मई को और 2 जून को बैंक की बोर्ड की आयोजित की थी, परन्तु कोरम पूरा नहीं होने के कारण इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था। सेवानिवृत शाखा प्रबंधक सोमवार को बैंक के कार्यालय में गई थी, जहां पर जयदेवसिंह ने उसे बुलाय। बातचीत के दौरान ही आरोपी जयदेवसिंह ने उसे धमकाया और कहा कि उसे नियमों की जानकारी नहीं है ऐसे में उसकी अपील खारिज हो सकती है। महिला की ओर से इसका उपाय पूछे जाने के कारण जयदेवसिंह ने आश्वासन दिया कि वह उसके पक्ष में निर्णय करवा सकता है। इसके एवज में आरोपी जयदेवसिंह ने 25 हजार रूपए मांगे। बातचीत के दौरान आरोपी पहले 20 पर आया और बाद में 15 हजार रूपए मान गया।
सेवानिवृत शाखा प्रबंधक की ओर से रिश्वत मांगे जाने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सोनी से सम्पर्क किया और शिकायत दी। ब्यूरों ने शिकायत का सत्यापन करवाया और ट्रेप आयोजन किया। सुबह आरोपी जयदेवसिंह ने महिला को फोन कर कहा कि वह दोपहर को 3 बजे तक बैंक में रहता है और आकर पैसे दे सकती है। दोपहर को पुन: फोन कर इस महिला को समोर बाग बुलाया जहां ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया। इसके बाद आरोपी डिप्टी रजिस्ट्र्रार ने उसे फोन कर गार्डन होटल के बाहर बुलाया जहां पर आरोपी ने इस महिला से 10 हजार रूपए ले लिए। इसी दौरान जाल बिछा कर बैठी टीम ने आरोपी को दबोच लिया। ब्यूरोंने इस डिप्टी रजिस्ट्रार को गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो की टीम ने इसके गोकुल विलेज स्थित मकान पर तलाशी शुरू कर दी है। आरोपी वर्ष 1997 में भर्ती हुआ था और एक मई से उदयपुर में ही कार्यरत था।
रिश्वत में दिखाई दरियादिली
सेवानिवृत शाखा प्रबंधक जब आरोपी को गार्डन होटल पर रिश्वत देने के लिए गई तो आरोपी ने दरियादिली दिखाते हुए कहा कि तुम कुछ ज्यादा ही परेशान हो चुकी हो। इसी कारण तुम पांच हजार रूपए कम दे दो। तो सेवानिवृत शाखा प्रबंधक महिला ने उसे रिश्वत की 15 हजार रूपए में 10 हजार रूपए कम दे दिए।