तेरापंथी सभा का पदस्थापना समारोह
आचार्य कालूगणी का निर्वाण महोत्सव
उदयपुर। कार्यकर्ता की सफलता की कसौटी उसकी कार्य दक्षता, बौद्धिकता, लक्ष्य और गुरु के प्रति धर्म निष्ठा है। तेरापंथ धर्मसंघ के अष्टम अधिशास्ता आचार्य कालूगणी समाज में चारित्रिक और आर्थिक शुद्धता चाहते थे। वे सर्वोपरि आचार्य इसलिए कहे जा सकते हैं कि उन्होंने मात्र 22 वर्ष के युवक पर विश्वास जताया और पूरे धर्मसंघ की बागडोर सौंप दी। उस युवक के कारण ही आज जैन धर्म देश ही नहीं विदेश में भी ऊंचाइयों को छू रहा है।
ये विचार साध्वी कनकश्रीजी ठाणा 5 ने रविवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य कालूगणी के निर्वाण महोत्सव एवं तेरापंथी सभा की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के पदस्थापना समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सत्संग के नाम पर मिथ्याचार को पोषण नहीं मिलना चाहिए। आचार्य कालूगणी ने तुलसी को 22 वर्ष की उम्र में धर्मसंघ का भार सौंपा वहीं महाप्रज्ञ को उत्तराधिकारी मनोनीत किया। आचार्य महाप्रज्ञ ने जैन शासन, महावीर वाणी को विदेशों तक पहुंचाया। आचार्य कालूगणी को धर्मसंघ का भाग्य विधाता भी कहा जाता है।
तेरापंथी सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशन डागलिया ने फत्तावत के नेतृत्व में मुख्य संरक्षक शांतिलाल सिंघवी, मुख्य परामर्शक छगनलाल बोहरा, मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता, उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ एवं अर्जुन खोखावत, संगठन मंत्री प्रदीप सोनी, सह मंत्री निर्र्मल जैन एवं ओमप्रकाश खोखावत तथा कोषाध्यक्ष महेन्द्र सिंघवी को पद एवं गोपनीयता के साथ चतुर्विद संघ के प्रति समर्पित रहकर कार्य करने की शपथ दिलाई। सभी पदाधिकारियों को साध्वी कनकश्रीजी ने मंगल पाठ सुनाया।
मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि संतों को सुनने की इच्छा रहती है लेकिन शायद दुर्भाग्य हमारा कि सुन नहीं पाते और सिर्फ बोलना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि एकमात्र जैन धर्म है जो जड़ से चेतन वस्तुओं तक से क्षमायाचना करना सिखाता है। बच्चों को प्रतिक्रमण में भेजें। अगर बच्चों को प्रतिक्रमण का पूर्ण लाभ मिल जाए तो उनके संस्कार विश्व स्तर पर पहचाने जाएंगे।
अध्यक्षता करते हुए तेरापंथ सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किशन डागलिया ने कहा कि हम अनुशासित धर्मसंघ के अनुयायी हैं। संकल्प, बल, बुद्धि और विवेक का उपयोग कर हमें कार्य करना चाहिए। देश ही नहीं विदेशों में भी आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। समाज में छोटी छोटी प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। उन्हें बाहर निकालने में सभा के पदाधिकारी सहयोग करें। आचार्य महाश्रमण का संदेश समाज और देश को व्यसनमुक्त बनाना है। हम अणुव्रत के संकल्प भरवाते हैं लेकिन शुरुआत हम स्वयं से करें। तेरापंथ सभा ने समाजजनों के लिए दो योजनाएं शताब्दी अक्षय निधि एवं सहभागिता योजना शुरू की है जिस पर उदयपुर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने जल्द ही इसमें अंशदान दिलाने का आश्वासन दिया।
विशिष्ट अतिथि अणुव्रत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री मर्यादा कुमार कोठारी ने कहा कि वर्ष 2008 में तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार मुझे उदयपुर में आचार्य महाप्रज्ञ के सान्निध्य में मिला था। आचार्य प्रवर जब साधु-साध्वीवृंदों को चातुर्मास के लिए भेजते हैं तो उनका भरोसा सिर्फ स्थानीय तेरापंथी सभा, पदाधिकारी और श्रावक-श्राविकाएं ही होते हैं। उन्हें सभी चारित्रात्माओं का ध्यान रखना चाहिए।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने अपनी दो वर्षीय कार्यकाल में आगामी कार्य योजनाएं बताते हुए कहा कि आज अष्टम आचार्य कालूगणी का हम निर्वाण दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी को अगर तेरापंथ धर्मसंघ का आधार स्तम्भ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 5 नवम्बर से शुरू हुए आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष का समापन 25 अक्टूबर को होगा। शताब्दी वर्ष के दो चरण पूरे हो चुके हैं तथा तीसरा चरण 3 सितम्बर से होगा। उन्होंने कहा कि गत कार्यकाल में भी हमने सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्यशाला, आध्यात्मिक कार्यशालाओं का आयोजन किया था। इस बार वापस कार्यशालाएं होंगी लेकिन आध्यात्मिक कार्यशाला के लिए महिलाओं को प्री टेस्ट देना होगा। उदयपुर से पहली बार श्रीमती बसंत कंठालिया उपासक चुनी गई हैं। महाप्रज्ञ विहार में पार्किंग की असुविधा को देखते हुए आगामी छह माह में मैकेनाइज्ड पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करा सकें, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा। वहां प्रेक्षाध्यान केन्द्र एवं उपासना कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। आचार्य महाप्रज्ञ व्याख्यानमाला, सुविवि के प्राकृत भाषा विभाग के साथ संगोष्ठी, सुविवि पुस्तकालय में आचार्य तुलसी एवं आचार्य महाप्रज्ञ का साहित्य रखने के लिए अलग पुस्तक दीर्घा स्थापित की गई है। आचार्य महाश्रमण के साहित्य के लिए भी अलग पुस्तक दीर्घा का प्रयास किया जाएगा। समाज के हर परिवार को स्वावलम्बन से जोडऩे के लिए सभा के पुराने भवन में गृह उद्योग खोलने की योजना है जहां स्किल डवलपमेंट सम्बन्धी कोर्स शुरू किए जा सकेें। 6 सितम्बर को तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर मेगा रक्तदान शिविर होगा। वही 7 सितम्बर आचार्य भिक्षु के निर्वाण महोत्सव पर तेरापंथ भवन में अहमदाबाद के साल हॉस्पिटल के डॉ. अनिल जैन के सहयोग से हृदय रोग जांच शिविर लगाया जाएगा।
इसके बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सभा की विभिन्न कार्यसमितियों के पदाधिकारियों व सदस्यों को शपथ दिलाई। मार्गदर्शक मंडल में शांतिलाल सिंघवी के नेतृत्व में मोहनलाल धुप्या, केएल कोठारी, भूरालाल पोरवाल, लक्ष्मणसिंह कर्णावट, आरएल जैन, एलएल धाकड़, कुंदनलाल सामर, मुख्य परामर्शक छगनलाल बोहरा के नेतृत्व में मांगीलाल लुणावत, भंवरलाल डागलिया, डॉ. देव कोठारी, सुंदरलाल मेहता, भीमराज कोठारी, सौभाग्यचन्द्र नाहर, मनोहरलाल पोखरना, डालचंद डागलिया, रूपलाल डागलिया, कस्तूरचंद सिंघवी, सुरेन्द्र कोठारी केलवा, सुभाषचंद्र सोनी, मिश्रीलाल लोढ़ा, खेमराज कुंभट, समरसिंह मेहता, मुख्य अंकेक्षक सीएम जैन के नेतृत्व में मुकेश बोहरा, अर्जुनलाल डांगी व तरुणेश पोरवाल सीए को नियुक्त किया गया।
प्रभारियों के रूप में शिक्षा प्रणिता तलेसरा, ज्ञानशाला फतहलाल जैन, मार्ग सेवा इन्दुबाला पोरवाल, चिकित्सा सेवा फतहलाल पोरवाल, तुलसी आर्ट गैलरी डॉ. केएल तोतावत, गृह यशकरण पोरवाल, गृह (महाप्रज्ञ विहार) विनोद माण्डोत, वित्त संग्रह ख्यालीलाल कंठालिया, वरिष्ठ नागरिक संस्थान पारसमल कोठारी, जनसम्पर्क तेजसिंह बाबेल, मीडिया दीपक सिंघवी, प्रेक्षाध्यान संगीता पोरवाल, जैन विद्या परीक्षा अशोक कच्छारा, सिलाई प्रशिक्षण कंचन सोनी, कम्प्यूटर प्रशिक्षण धीरेन्द्र मेहता, चिकित्सा शिविर मयंक कोठारी, निर्देशिका कन्हैयालाल कोठारी, उपासना कक्ष व जप ताराचंद सिंघवी, संगीत प्रशिक्षण शशि चह्वाण, आध्यात्मिक प्रशिक्षण विजयलक्ष्मी मुंशी, व्यक्तित्व विकास राजेन्द्र धाकड़, कैरियर काउंसलिंग कपिल इंटोदिया, चर्या भूपेश चौधरी, जीवन विज्ञान चन्द्रप्रकाश पोरवाल, आईटी रवि जैन, होली मेला डीपी धाकड़ तथा सदस्य परिचय कार्ड का विनोद कच्छारा को प्रभारी मनोनीत किया गया। आरंभ में मंगलाचरण सोनल सिंघवी एवं समूह ने किया। संचालन उपाध्यक्ष अर्जुन खोखावत ने किया। आभार मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने जताया।