तेरापंथी सभा ने किया परीक्षार्थियों का सम्मान समारोह
उदयपुर। साध्वी कनकश्रीजी ने कहा कि विद्या और आचरण से हर समस्या का समाधान हो सकता है। जब रात को सोते हैं तो तत्वबोध और सुबह जागने के बाद आत्मबोध होता है। तत्व बोध स्वाध्याय से आता है और जागने पर आत्मबोध हो जाता है। ये सभी ज्ञान से प्राप्त होते हैं।
वे रविवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित जैन विद्या परीक्षा एवं आगम मंथन प्रतियोगिता के विजेताओं के सम्मान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आगम ग्रंथों का पठन करना चाहिए। इससे निस्संदेह ज्ञान में वृद्धि होती है। उन्होंने तपस्या पर जोर देते हुए कहा कि जैसा शरीर से हो, वैसी ही तपस्या करनी चाहिए। आयम्बिल तप में आंतरिक शक्तियां जागृत होती हैं। तपस्या करने से शरीर का तेजस बढ़ता है। आंतरिक भावना जागृत होती है।
इससे पूर्व तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि यह उदयपुर समाज के लिए बड़े गौरव का विषय है कि उदयपुर की संगीता पोरवाल ने अखिल भारतीय स्तर पर आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित तेरापंथ दर्शन परीक्षा में तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार सक्रिय कार्यकर्ता के लिए अखिल भारतीय स्तर पर नई दिल्ली में हुए अधिवेशन में महिला मंडल की श्राविका इंदुबाला का सम्मान किया गया। वे बधाई की पात्र हैं। जैन विद्या परीक्षा में कुल 44 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया जिसमेंसे 35 सफल रहे। इसी प्रकार आगम मंथन परीक्षा में 37 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। हमारी यही अपेक्षा है कि अगले वर्ष होने वाली परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या भी बढ़े और उसमें सफलता का प्रतिशत भी। उन्होंने बताया कि अगले रविवार को समाज के तपस्वीजनों का सम्मान समारोह होगा।
जैन विद्या परीक्षा में संगीता पोरवाल अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम, प्रियंका इंद्रावत तथा हेमलता इंद्रावत विशेष योग्यता, विजयलक्ष्मी जैन, मीना सिंघवी, मंजू सिंघवी, प्रवीणा सिंघवी, प्रियल बोहरा, लता चह्वाण, चन्द्रप्रकाश पोरवाल, जया फत्तावत, तन्वी सिंघवी, अंजली कंठालिया, ऋषभ कच्छारा प्रथम रहे। मनीषा पोरवाल, भव्यश्री जैन, विदुषी धाकड़, सौरव कच्छारा, मुदित जैन, भाविन कच्छारा, लविश मेहता, भावना पोरवाल द्वितीय रहे। सुधा नागौरी, अंतिमा सिंघवी, कृति नान्दरेचा, शशांक कोठारी, जय मेहता, आंचल धाकड़, रिंकल चपलोत, शिवांगी मांडोत एवं धैर्य कंठालिया तृतीय रहे। हर्षि खिमावत, दीपांशी धाकड़, आदित्य डांगी तथा प्रेक्षित जैन को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।
इसी प्रकार आगम मंथन प्रतियोगिता में पुष्पा कोठारी, मीनाक्षी जैन, विजयलक्ष्मी मुंशी, मधुबाला चौहान, स्वीटी कोठारी, कंचन मादावाला, मोनिका कोठारी, कनकतारा पोरवाल, सुनीता जैन, भंवरलाल पोरवाल, सुशीला पोरवाल, भगवतसिंह कोठारी, खुमानसिंह धूपिया, समता सुराणा, लक्ष्मी कोठारी, रीता नाहर, तारा कच्छारा, सुशीला भोलावत, पिस्ता पटावरी, मीनल इंटोदिया, आशा हरकावत, प्रणिता तलेसरा, सरोज पोरवाल, मीना कच्छारा, मंजू फत्तावत, मीना सिंघवी, कमला कंठालिया, कंचन नगावत, भंवरलाल, सुमन पोरवाल, सोहनलाल जैन, कमला हिरण, भावना कच्छारा, चन्द्रा खोखावत, कल्पना चौधरी, छगनलाल बोहरा विजयी रहे।
इससे पूर्व सभा अध्यक्ष फत्तावत ने जैन विश्व भारती के केन्द्राध्यक्ष अशोक कच्छारा, ताराचंद सिंघवी का उपरणा ओढ़ा, साहित्य भेंटकर सम्मान किया गया। साध्वी मधुलता ने स्वीकारो सविनय भाव वंदना. .. गीतिका प्रस्तुत की। मंगलाचरण प्रेरणा सिंघवी, मीना धाकड़ ने किया। संचालन सभा के मंत्री सूर्यप्रकाश मेहता ने किया।