यूसीसीआई में हुआ आयोजन
उदयपुर। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री तथा इण्डियन इन्स्टीट्यूशन ऑफ इण्डस्ट्रीयल इन्जीनियरिंग के तत्वावधान में ”लघु उद्योगों में उत्पादन बढाने हेतु औद्योगिक अभियांत्रिकी की भूमिका“ विषय पर सेमीनार चेम्बर भवन के अरावली सभागार में हुआ।
मुख्य वक्ता इण्डियन इन्स्टीट्यूशन ऑफ इण्डस्ट्रीयल इन्जीनियरिंग के चेयरमैन बीएम भण्डारकर ने कहा कि आज के वैश्विक परिवेश एवं खुली अर्थव्यवस्था के दौर में प्रत्येक लघु उद्योग इकाई के लिये अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही उत्पादन बढाने एवं साथ-साथ लागत में कमी लाने का प्रयास करना आवश्यक है, इसलिये प्रत्येक लघु उद्योग इकाई के लिये औद्योगिक अभियांत्रिकी की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। विभिन्न विभागों का समावेश करते हुए उनकी कार्यकुशलता बढ़ाकर सफल उत्पादन प्राप्त करना ही औद्योगिक अभियांत्रिकी है। नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डस्ट्रीयल इन्जीनियरिंग, मुम्बई के डीन डॉ. अशोक के. पुण्डीर ने शत प्रतिशत त्रुटि रहित उत्पादन प्राप्त करने में औद्योगिक अभियांत्रिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होने कहा कि उत्पादन में औद्योगिक अभियांत्रिकी के उपयोग के बावजूद मानवीय कौशल का महत्वो बना रहेगा। यूसीसीआई के पूर्वाध्यक्ष पीएस तलेसरा ने कार्यक्रम की थीम एवं विषय विशेषज्ञों के सम्बन्ध में जानकारी दी। संभाग के लघु उद्यमियों में औद्योगिक अभियांत्रिकी के प्रति जागरूकता उत्पन्न कर उत्पाद की गुणवत्ता बढा़ने तथा लागत में कमी लाने के कारगर उपाय अपनाने हेतु मार्गदर्शन के उद्धेश्य से यह सेमीनार हो रहा है। खुली परिचर्चा के दौरान संगोष्ठी में भाग लेने वाले उदयपुर संभाग के अधिकांश लघु उद्यमियों द्वारा उद्योगों में काम करने हेतु ट्रेण्ड मेन पावर की कमी की समस्या प्रकट की गई। औद्योगिक अभियांत्रिकी में प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु यूसीसीआई में स्थाई प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जायेगा। पूर्वाध्यक्ष केएस मोगरा ने बताया कि यूसीसीआई द्वारा इण्डियन इंस्टीटयूट ऑफ इण्डस्ट्रीयल इंजिनियरिंग के साथ एमओयू पूर्व में ही हस्ताक्षरित किया जा चुका है। यह भी निर्णय लिया गया कि युवाओं को उद्योग विशेष की जरूरत के अनुसार विशेष विधा में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा तथा यूसीसीआई द्वारा इसका सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव हेमन्त जैन ने किया गया।