शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का जिला अधिवेशन शुरू
उदयपुर। गुरूजनों का सम्मान हो, यह हम सब का दायित्व है। यह सम्मान पूर्व की भांति बना रहे, यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। शिक्षक की प्रेरणा से ही बालक देश का भविष्य बनता है। बालकों का सर्वांगीण विकास शिक्षक के ही हाथ में है।
ये विचार सांसद अर्जुन मीणा ने राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के दो दिवसीय जिला शैक्षिक सम्मेलन के उद्घाटन पर अध्यक्षता करते हुए रेजीडेन्सी स्कूल सभागार में व्यक्त किए। इन्होंने कहा कि शिक्षक दायित्व को ईमानदारी व निष्ठा से करें। इन्होंने शिक्षक से सिर्फ अध्यापन कार्य कराने की मंशा रखते हुए अन्य गैर शैक्षिक कार्य अलग एजेन्सियों से कराने की बात कही।
मुख्य अतिथि महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति डॉ. कैलाश सोडानी ने कहा कि शिक्षक ही समाज व उसके सुदृढ़ व्यक्तियों का निर्माण करता है। संस्कार तथा देशहित सर्वोपरि है, यह बात शिक्षक ही बता सकता है। अच्छे ज्ञान के साथ संस्कार भी जरूरी है। शिक्षक ईमानदार है। देश की बागडोर सम्मान देने के रूप में शिक्षक को दी जावे तो ही देश का विकास संभव है।
मुख्य वक्ता विधि महाविद्यालय के प्रो. आनन्द पालीवाल ने कहा कि शिक्षक का अर्थ है समर्पण। हमने शिक्षक को केवल वेतनभोगी कर्मचारी बना दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण व्यवस्था का अर्थ मात्र भौतिक व्यवस्था ही नहीं वरन् व्यक्तियों में मानवीय तथा नैतिक गुणों तथा मूल्यों का विकास करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक जो कहता है वह महत्वपूर्ण नहीं वरन् जो वह करता है वह महत्वपूर्ण है। शिक्षक को गर्व होना चाहिए कि वह राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है। वेतन से अपने कार्यो की तुलना नहीं करनी चाहिए।
प्रदेश पर्यवेक्षक एवं अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री मोहन पुरोहित ने शिक्षक दिवस पर सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा शिक्षकों के बारे में की गई विरोधाभास टिप्पणियों की कड़ी भर्त्सना की। इन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम यदि कम है तो केवल शिक्षक जिम्मेदार नही है, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण चाहिए तो विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए 1 शिक्षक होना चाहिए। इन्होंइने असंगत एकीकरण व समानीकरण का भी विरोध करते हुए शिक्षकों से ‘‘संघे शक्ति कलियुगे’’ इस उक्ति को चरितार्थ करने की बात कही तथा शिक्षकों को अपना चारित्र चंदन वृक्ष की तरह रखने का आह्वान किया जिससे कि उसके आचार व व्यवहार का उससे जुडने वाली सभी व्यक्तियों पर सकारात्मक प्रभाव पडे। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक प्रथम कृष्णा चौहान भी उपस्थित थी।