एनआईसीसी का 14 वें वर्ष में प्रवेश
उदयपुर। हर तीज-त्यौहार, पार्टियां, शादी, इवेन्ट्स एवं अनेक अवसरों पर महिलाएं अपने आप को संजाने-संवारने के लिए ब्यूटी पार्लर का रूख करती है। यह क्षेत्र किसी समय बहुत आसान हुआ करता था लेकिन इसमें आज अनेक चुनौतियंा भरी हुई है।
यह कहना था एनआईसीसी (न्यू इन्टरनेशनल कोस्मेटिक केयर एकेडमी) की संस्थापक डॉ. स्वीटी छाबड़ा का। जो एनआईसीसी के 13 वर्ष पूर्ण होने एवं 14 वें वर्ष प्रवेश करने के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थी। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार की असीम संभावनाएं निहित है। इसके लिए एनआईसीसी ने इसी वर्ष ग्रामीण बालिकाओं एवं महिलाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए मेकअप के कुछ कार्सेस प्रारम्भ किए है जिसके जरिये वे अपने घर पर ही रोजगार अर्जित कर सकती है।
डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने बताया कि एनआईसीसी इसी वर्ष एनआईसीसी एज्यूकेशनल सोसायटी एवं दृष्टि फाउण्डेशन स्वयं सेवी संस्था का गठन किया जिसके तहत महिलाओं के लिए बेसिक एवं एडवान्स हेयर कट,बेसिक एवं एडवान्स मेकअप,एडवान्स प्रोफेशनल्स डिप्लोमा इन मेकअप,डिप्लोमा इन ब्यूटी, डिप्लोमा इन स्पा के कोर्सेस कराये जाते है। समय-समय पर महिलाओं के लिए मेकअप की नि:शुल्क क्लासेस भी चलायी जाती है ताकि महिलाएं मेकअप के बारें में अधिक जागरूक हो सकें।
उन्होंने बताया कि दृष्टि फाउण्डेशन के जरिये एनआईसीसी ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं एवं महिलाओं को रोजगार के लिए उपरोक्त कोसेर्स की जानकारी दे कर शिक्षित करती है। अब तक बासंवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ एवं डूंगरपुर की 50 से अधिक बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें रोजगार अर्जन के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एनआईसीसी शहर में ऐसी पहली संस्था है जिसने महिलाओं को हर तीज-त्यैाहार एवं शादी के मौके पर बेहतर एवं गुणवत्तायुक्त मेकअप देने के लिए बॉलीवुड एवं विशेष रूप बालाजी टेलिफिल्म्स से टाईअप कर रख है ताकि उसके मेकअपमेन यहंा आकर महिलाओं का बेहतर मेकअप कर सकें।
डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने बताया कि इसके अतिरिक्त एनआईसीसी ने महिलाओं एवं पुरूषों को अपने जीवन चक्र के बारें में जानने के लिए औरा एवं महिलाओं के लिए चाईनीज टाईची थैरेपी दी जाती है। टाई ची थैरेपी में मार्शल आर्ट जैसे पोश्चर होते है जो शरीर की नेगेटिव एनर्जी को निकाल कर उसमें पॉजीटिव एनर्जी डालते है।