उदयपुर। गीतांजली हॉस्पिटल के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ आशुतोष सोनी ने दस वर्षीय बच्चे का अत्यंत जटिल व गंभीर ऑपरेशन किया जिसमें जहां एक ओर ऐसा लग रहा था कि हाथ काटना पडे़गा, वहीं दूसरी ओर चिकित्सकों के प्रयास से पैर की नसों का इस्तेमाल कर वीनस ग्राफ्ट द्वारा हाथ की नसों को दोबारा जोड़ा और रक्त का संचार प्रारंभ किया जिसके चलते अब बच्चे का हाथ ठीक है और उसे काटने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
डॉ. सोनी ने बताया कि उदयपुर निवासी 10 वर्षीय रोगी राहुल मीना शनिवार को हॉस्पिटल आया था, जब टेम्पो के हाथ पर गिरने से उसके दाहिने हाथ की मुख्य नाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी एवं जांचों से सामने आया कि उसके दाहिने हाथ की मुख्य रक्त नाड़ी 10 सेमी कुचल गई है। इसके पश्चात् वीनस ग्राफ्ट द्वारा पैर की नाड़ी के छोटे भाग को काटकर हाथ की नाडी के कुचले हुए हिस्से की जगह जोड़ा गया व जो मांसपेशियां कुचल गई थी उन्हें भी ठीक किया। इससे हाथ में रक्त का पुनः संचालन हुआ।
डॉ. सोनी ने बताया कि अमूमन इस तरह के मामलों में हाथ काटना ही विकल्प होता है किंतु इस मामले में बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हृदय रोग संबंधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया जो सफल रहा। इस ऑपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लगा। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन जटिल इसलिए था क्योंकि यदि सही समय पर हाथों की नाड़ी को जोड़कर उपचार नहीं किया जाता तो दाहिने हाथ में रक्तप्रवाह बंद हो जाता और हाथ को काटना पड़ता। साथ ही उन्होंने बताया कि वीनस ग्राफ्ट सामान्यतः हृदय की धमनियों के उपचार के लिए किया जाता है, किंतु अभी इस मामले में हाथ की नाड़ी का उपचार कर रोगी को ठीक किया गया ताकि उसका हाथ न काटने पड़े और बगैर किसी अड़चन के वह अपनी सामान्य ज़िंदगी में दोबारा लौट सके।
क्या है वीनस ग्राफ्ट : यह सर्जरी की प्रक्रिया है जिसमें एक सही नस को काटकर दूसरी क्षतिग्रस्त नस की जगह लगाया जाता है ताकि रक्तप्रवाह उचित रूप से हो।