जिला स्तरीय नैतिक गीत गायन प्रतियोगिता
उदयपुर। अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास नई दिल्ली की ओर से जिला स्तरीय नैतिक गीत गायन स्पर्धा का आयोजन साध्वी कीर्तिलता ठाणा-4 के सान्निध्य में किया गया। इसमें 20 से अधिक स्कूलों के 45 टीमों ने भाग लिया।
कार्यक्रम संयोजिका प्रणिता तलेसरा ने बताया कि अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात आचार्य श्री तुलसी ने किया था। साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि अणुव्रत बदलने का दर्शन है। मनुष्य अपनी प्रकृति का निरीक्षण करे, उसे समझे और उसमें परिवर्तन लाने का अभ्यास करे। नैतिक अर्थार्जन ही हमारा लक्ष्य हो, जीवन चरित्र निष्ठ हो, अहंकार एवं व्यसनमुक्त हो।
तलेसरा ने बताया कि संगति शांति का सर्जन है। संगीत में शक्ति है। उससे वातावरण को बदला जा सकता है। व्यक्ति का एकाकीपन या वीरानेपन का अहसास करता हो, उसे संगीत सुनने का अवसर मिल जाए तो आसपास रौनक दिखने लगती है। सरल ब्लड बैंक के मानद सचिव श्याम एस सिंघवी ने कहा कि अणुव्रत के नियमों को स्वीकार करने का अर्थ अच्छा मानव बनना, मानवोचित गुणों से अपने आपको सजाना, अणुव्रत समाज के प्रत्येक वर्ग में व्याप्त बुराइयों को मिटाकर उसे स्वस्थ बनाना है।
संचालन नीता खोखावत ने किया। स्वागत सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने किया। इस अवसर पर आशा सुराणा, निर्मला दुग्गड़, प्रेरणा कोठारी, मंजू इंटोदिया, भारती जैन, मधु सुराणा, संतोष मेहता आदि ने सेवाएं प्रदान कीं। लायंस क्लब नीलांजना की सदस्याओं ने कार्यक्रम को गति प्रदान करने में सहयोग किया। प्रतियोगिता के निर्णायक विजय, रेणु बांठिया, उर्वशी सिंघवी थे। चन्द्रप्रकाश पोरवाल ने बताया कि प्रतियोगिता द्वारा विद्यार्थियों में अणुव्रत चेतना विकसित हो और नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प कराने का उद्देश्य है।