विद्यापीठ : निशुल्क पाम्परिक स्वास्थ शिविर
उदयपुर। वर्तमान में आम जन का आयुर्वेदिक पद्धति एवं परम्परागत तरीकों से स्वास्य्मार लाभ का रूझान दिनों दिन बढता जा रहा है। एलोपेथी दवाओं के निरन्तर सेवन से साइड इफेक्ट का खतरा बहुत अधिक हो जाता है इसी को मद्दे नजर रखते हुए आज आमजन घरेलु एवं परम्परागत तरीको की ओर रूझान बढता जा रहा है।
ये विचार मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ एवं राष्ट्रीय गुणी मिशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय निशुल्क पाम्परिक स्वास्थ्य शिविर के उद्घाटन पर अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। उन्होने कहा कि हमारे पारम्परिक एवं घरेलु नुस्खों से लाईलाज बिमारी को भी जड़ से समाप्त किया जा सकता है। विशिष्ठ अतिथि डॉ. जीयालाल जाट, भंवर धाबाई एवं अधिष्ठाता प्रो. सुमन पामेचा ने की। समारोह में प्रो. नीलम कौशिक, प्रो. मुक्ता शर्मा, डॉ. धीरज प्रकाश शर्मा, प्रो. अनिता शुक्ला, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. पारस जैन उपस्थित थे।
इसका होगा निशुल्क उपचार : धाबाई ने बताया कि पांच दिवसीय शिविर में दमा, गठिया, कमर दर्द, नसों में दर्द, साईटिका, स्लिपडिस्क सहित अन्य बीमारियों का पाम्परिक तरीकों से निशुल्क परामर्श एवं इलाज किया जाएगा।