उदयपुर। मजदूर दिवस दुनियाभर के मेहनतकशों के संघर्षो एवं कुर्बानियों से हासिल किये गये अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लेने के साथ मेहनतकश के जीवन के सामने खड़ी चुनौतियों का एकजुट हो मानवीय जीवन पाने के संघर्ष को आगे बढाने का नाम है।
यह विचार सीटू के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने मई दिवस के अवसर पर टाउन हॉल से निकाले गये मशाल जुलूस के पश्चात् देहली गेट चौराहे पर शांति आनन्दी समाधी स्थल पर आयोजित मजदूरों की आमसभा में व्यक्त किये।
सिंघवी ने कहा कि मजदूर ही सुई से लेकर हवाई जहाज बनाता है और दुनिया का विकास एवं खुबसूरती भी मजदूरों की ही देन है, लेकिन मजदूर जलालत की जिन्दगी जीने को मजबूर है। ऐसे में जब तक उत्पादन के साधन पूंजीपति वर्ग से छीन कर श्रमजीवी जनता के हाथ में नहीं होंगे, तब तक मेहनतकश वर्ग को जलालत की जिन्दगी जीने को मजबूर रहना पड़ेगा।
इस अवसर पर ट्रेड यूनियन कौंसिल के संयोजक पी.एस.खींची ने कहा कि दुनियाभर में मजदूरों के संघर्षो एवं कुर्बानियों के बाद श्रम कानून बनाये गये, लेकिन नियोजक तो क्या सरकारें भी श्रम कानूनों की पालना नहीं करती, जिससे आम मजदूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। खींची ने कहा कि श्रम कानूनों को लागू करने एवं श्रमिकों को मालिकों के शोषण से बचाने के लिए श्रम विभाग की स्थापना की गई, लेकिन श्रम विभाग पूंजीपतियों एवं मालिकों के दलाल के रूप में ही कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों के लिए कई कानून बने हुए हैं, लेकिन आज श्रमिकों के लिए काम के घण्टे निर्धारित नहीं है और उन्हें ओवरटाईम, न्यूनतम वेतन, बोनस, पीएफ ग्रेच्युटी, पेंशन, ईलाज की सुविधाओं आदि से वंचित कर रखा है। उन्होंने कहा कि मालिक हमेशा श्रम कानूनों की धज्जियां उडाते रहे हैं, लेकिन किसी भी मालिक को आज तक जेल में नहीं भेजा गया।
इस अवसर पर ट्रेड यूनियन कौंसिल के उपसंयोजक मोहनलाल सिंयाल ने कहा कि आज समाज में जो श्रम नहीं करता, उसे सम्मान व काफी सम्पत्ति मिलती है और जो श्रम करता है उसकी स्थिति आज भी दयनीय है। उन्होंने कहा कि जिस गुजरात को मॉडल बना कर भाजपा और मोदी वोट मांग रहे हैं, वहां पर देश में राज्य कर्मचारियों के लिए एवं राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन सबसे कम है और श्रम कानूनों की 1 प्रतिशत पालना भी नहीं होने पर भी किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती है। क्या इस तरह के मॉडल से मेहनतकश जनता के अच्छे दिन आने वाले हैं, कहा जाएगा क्या? इस अवसर पर सिंयाल ने महान विचारक कार्ल मार्क्स को उदृत करते हुए मजदूरों से आव्हान किया कि दुनियाभर के मेहनतकशों एक हो, तुम्हारे पास खोने के लिए गुलामी की बेडियों के सिवा कुछ नहीं है और पाने के लिए सारी दुनिया की दौलत है।
आमसभा को सम्बोधित करते हुए सीटू के जिला महासचिव शमशेर सिंह नन्दवानी ने कहा कि जो श्रम करता है उसे छोटा माना जाता है और उसके श्रम का मूल्य निर्धारित करते समय ये कहा जाता है कि उसके पास दिमाग नहीं है, जो अमानवीय होने के साथ शोषण को जिन्दा रखने का हथियार है। उन्होंने मजदूरों से आव्हान किया कि वे अपनी ताकत को पहचानें और शोषण आधारित मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए आगे आए।
सभा को बिल्डिंग वर्कर्स मजदूर एकता यूनियन के मुनव्वर खां, बीमा कर्मचारी यूनियन के अनुप जैन, सामाजिक कार्यकर्ता पुनित जैन, लाल झण्डा टेम्पो चालक यूनियन के अध्यक्ष शमशुद्दीन, आदि ने भी सम्बोधित किया।
मशाल जुलूस में मजदूर नारे लगा रहे थे ‘‘दुनियाभर के मेहनतकशो-एक हो’’, ‘‘इंकलाब-जिन्दाबाद’’, ‘‘मजदूरों ने दी ललकार-नहीं सहेंगे अत्याचार’’, ‘‘मई दिवस के अमर शहीदों को-लाल सलाम, ‘‘क्या मांगे मजदूर किसान, रोटी कपड़ा और मकान’’, धन और धरती बंट के रहेगी-रात अंधेरी कट के रहेगी आदि।
मशाल जुलूस से पूर्व प्रातः 8.00 बजे सीटू जिला कार्यालय में संगठन के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने झण्डारोहण किया, जिसे निर्माण मजदूर एकता यूनियन के अध्यक्ष मुनव्वर खान, कच्ची बस्ती फैडरेशन के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रताप सिंह देवड़ा, पार्षद राजेन्द्र वसीटा, जनवादी महिला समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीकान्ता श्रीमाली, नौजवान सभा के पूर्व महासचिव शमशेर खान आदि ने सम्बोधित किया। दोपहर 2.00 बजे रिलाईन्स केमोटेक्स इण्डस्ट्रीज लि के सामने मजदूरों की आम सभा की गई, जिसे सीटू के गुमान सिंह राव ने सम्बोधित किया।