उदयपुर। जैन इंजीनियरिंग सोसायटी का दो दिवसीय 12वां राष्ट्रीय अधिवेशन शनिवार से उदयपुर के स्प्रेक्ट्रम रिसोर्ट में प्रारम्भ हुआ। मुख्य समारोह रविवार प्रातः 10 बजे जैन धर्म के जरिये पर्यावरण स्थिरता विषय पर प्रारम्भ होगा।
सोसायटी के अध्यक्ष ने इजि.बी.एल.खमेसरा ने बताया कि उदयपुर में आयोजित हो रहे इस अधिवेशन महावीर के सिद्धान्तों का समाज में समरसता एवं पर्यावरणीय सन्तुलन बनाये रखने में योगदान पर गहन चर्चा होगी। इसलिए इनका अधिकाधिक प्रचार प्रसार करना है। देशभर में कार्यरत इस सोसायटी के भारत सहित विश्व भर में साढ़े चार हजार सदस्य हैं। जिसमें इंजीनियरों के साथ ही शिक्षाविद एवं उद्योगपति भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में उदयपुर, कोटा, जयपुर व जोधपुर में सोसायटी कार्यरत है। अभी तक इस सोसायटी के कुल 20 चैप्टर बन चुके हैं। प्रतिवर्ष आयोजित हाने वाला अधिवेशन इस वर्ष उदयपुर में आयोजित हो रहा है। उदयपुर में इस चेप्टर का गठन हाल ही में हुआ है।
कन्वेशन कमेटी के चेयरमेन इजि.अतुल जैन ने बताया कि गत अधिवेशन में लिये गये निर्णयों एवं उन निर्णयों पर हुए कार्यो की समीक्षा की जायेगी, साथ ही अगले वर्ष हाथ में लिये जाने वाले कार्यो पर भी चर्चाएं होती है।
वायके बोलिया ने बताया कि यह सोसायटी समाज सेवा के तहत समाज के उस गरीब तबके तक भी पहुंचती है जो गरीबी की रेखा से भी नीचे जीवन यापन कर रहे है। जिन परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे तक इधर-उधर काम करते हैं। हम उनके बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं। अभी तक ऐसे 1200 गरीब बच्चों को सोसायटी मुख्य धारा में ला चुकी हैं एवं उनमें से कइयों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर ली और वह नौकरियां भी कर रहे हैं।
आरके चतुर ने बताया कि अधिवेशन में भाग लेने के लिए उदयपुर के बाहर से भी अनेक प्रतिभागी पहुंचे। पहले दिन की चर्चा के बाद शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ। उन्होंने बताया कि दूसरे दिन 13 जनवरी को प्रातः 6 बजे योगा सेशन होगा। इसके बाद अधिवेशन की शुरूआत होगी। अधिवेशन में खुली चर्चा होगी जिसमें जीवन में खुशियां कैसे लाई और दी जा सकती है, उस पर चर्चा होगी।