बाल दिवस पर प्रज्ञा चक्षु विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ समय बिता कर किया प्रोत्साहित
अपने सपनों की उड़ान को पूरा करते हुए भगवान सिंह समाजसेवी बन कर समाज के कंधे से कंधा मिला लोगों की समस्याओं को दूर करना चाहता है तो प्रियंका अध्यापिका बन कर अपनी ही तरह समाज को अच्छे शिक्षक देना चाहती है, सचिन एक कार्पोरेट वकील बन कर अपने लक्ष्य को पाना चाहता है तो प्रफुल्ल हिन्दी साहित्य में गहरी रूचि रख कर एक अच्छा प्रोफेसर बनना चाहता है। ये सब होनहार छात्र उदयपुर के राजकीय प्रज्ञा चक्षु उच्चमाध्यमिक अंध विद्यालय में अध्ययनरत है। इन सभी का उत्साह दूगुना हो गया जब इन्हें जानकारी मिली की बाल दिवस के मौके पर इनसे मिलने के लिए हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आने वाले है।
बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चों से अनौपचारिक तौर पर मिलने और इनके उत्साह वर्धन के लिए पहुंचे हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने विद्यालय के 104 बच्चों के साथ समय बिता कर उनकी दैनिक दिनचर्या से लेकर उनके भविष्य के सपनों पर चर्चा की । सभी बच्चों ने खुले मन से अपने भविष्य के सपनों को साझा किया और बताया कि वें किस तरह समाज के लिए कुछ कर गुजरने का हौंसला रखते है । बच्चों के साथ बातचीत में दुग्गल ने कहा कि हमें इन बच्चों को हमारे समाज में समान अवसर देने और इनकी योग्यता के अनुसार प्रतिभा निखारने के अवसर देने होगें ताकि इनके सपनों को पूरा करने में हम हर संभव योगदान कर सकें। उन्होंने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका डा आभा शर्मा और अन्य स्टाफ से चर्चा कर विद्यालय की गतिविधियों के बारें में जानकारी ली एवं बच्चों के अध्ययनरत विषय, भविष्य की योजनाओं, पारिवारिक स्थिति और लक्ष्य को हासिल करने में आने वाली परेशानियों के बारे में अवगत हो कर यथासंभव मदद की बात कही। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम के तहत् विद्यालय को जो भी सहयोग कर रहा है उसके अतिरिक्त भी यदि किसी भी बच्चें को उसकी शिक्षा और खास तौर पर बारहवीं कक्षा उत्तिर्ण करने के पश्चात् उनके आगे के अध्ययन एवं किसी प्रशिक्षण के लिए हर प्रकार की संभव मदद की जाएगी।
बच्चों ने इस अवसर पर अपने मन की बात को साझा करते हुए अपने भविष्य की योजनाओं और लक्ष्य को हांसिल करने के संकल्प को दोहराया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने गीत, भजन और संगीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान विद्यालय स्टाफ उपस्थित था।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा विगत दो वर्षो से तकनीकी ज्ञान को बढ़ाने के लिए जीवन तरंग जिं़क के संग कार्यक्रम के तहत् प्रशिक्षक एवं एंड्रायड फोन प्रदान कर दृष्टिहीन बच्चों के अध्ययन के लिए फोन पर आॅडियों के माध्यम से किताबे पढने की सुविधा दे रहा है। इस तकनीक से न केवल ये बच्चें 12वीं कक्षा तक का अध्ययन सुलभ तरिके से कर पा रहे है वरन यह शिक्षा उनके आगे के भविष्य के लिए भी लाभदायक होगी।