केवल तीन फीसदी मरीजों में ही पाया जाता है
उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हाॅस्पिटल,बेदला मैं डायफ्रामेटिक हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया। इस आॅपरेशन को अंजाम दिया जनरल सर्जन डाॅ. केसी व्यास, डाॅ. गौरव वधावन, लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. धवल शर्मा, एनेस्थिटिक डॉ. प्रकाश औदिच्य, डाॅ. स्वाति एवं संदीप की टीम ने।
राजसमन्द जिले के कोटेश्वरी गाॅव निवासी 37 बर्षीय सरजू बाई को पछले छह माह से पेट दर्द, श्वास लेने में परेशानी एवं लगातार खाॅसी की शिकायत थी। परिजनों ने सरजू बाई को कई जगह दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। परिजन उसे पेसिफिक हाॅस्पीटल बेदला लेकर आए यहाॅ पर सर्जन डाॅ.के.सी.व्यास को दिखाया,सीटी स्केन जाॅच करने पर सरजू बाई को डायफ्रामेटिक हर्निया का पता चला जिसका की आॅपरेशन द्वारा ही इलाज सम्भव था।
लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ.धवल शर्मा ने बताया कि सरजू बाई की छोटी आॅत एवं झिल्ली का एक भाग डायफ्राम में फसा हुआ था,जिसे दूरबीन द्वारा आॅपरेशन करके निकाला गया एवं हर्निया को रिपेयर किया। डॉ. शर्मा ने बताया कि फेफडों को उदर से अलग करने वाली परत या झिल्ली के छेद को डायफ्रामेटिक हर्निया कहतें है। इस तरह के केस केवल तीन फीसदी मरीजोे में देखने को ही मिलते है, जो कि बहुत ही दुर्लभ होतें है। इस तरह के आॅपरेशन में लगभग डेढ से दो लाख तक का खर्चा आता है। लेकिन सरकार की आयुष्मान भारत-महात्मा गाॅधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ साथ मेंनेजमेन्ट के सहयोंग से सरजू बाई का यह आॅपरेशन निःशुल्क किया गया। परिजनों ने संस्थान के चेयरमेन राहुल अग्रवाल को धन्यवाद दिया। सरजू बाई अभी तरह से स्वस्थ्य है, और उनको छुट्टी दे दी है।