60 वां 6 दिवसीय महाराणा कुंभा संगीत समारोह का शुभारम्भ
सुर, ताल एवं लय का अनूठा संगम देखने को मिला
उदयपुर। महाराणा कुम्भा संगीत परिषद् द्वारा आयोजित किया जा रहा 60 वां महाराणा कुंभा संगीत समारोह का शुभारम्भ आज भारतीय लोककला मण्डल में प्रथम दिन के प्रथम चरण महिला संगीतकारों के ”मोहिनी बैंड“ की प्रस्तुति से हुआ। समारोह के शुभारम्भ 60 वर्षाे के इतिहास में पहली बार 6 दिवसीय संगीत समारोह के रूप में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अथिति कोटा के आई. जी. प्रसन्न कुमार खमेसरा थे जबकि अध्यक्षता हिजिंलि की सीएसआर हेड अनुपम निधि ने की।
महिला संगीतकारों की एक विशिष्ठ मंडली में सम्मिलित सभी संगीतकार अपने-अपने क्षेत्र में प्रशंसित और प्रेरक के तौर पर जानी जाती है। बैंड में स्वर में रूचिरा केदार,सितार वादन सहाना बेनर्जी,तबला वादन में सवानी तलवरकर,पखावज वादन में अनुजा बोरूडे और हारमोनियम में अदिती गराडे जैसी प्रसिद्ध संगीत मंडली के बैड से निकले सुरों ने सभी को इतना सम्मोहित कर दिया कि सभी उसके सुरों को सुनने में खो से गये।रूचिरा केदार ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत राग विहाग से की। तत्पश्चात उनके द्वारा राग देश जिसमें गत और तराना की प्रस्तुति के बाद ताल वाद्य की भी प्रस्तुति दी गई।
”मोहिनी“ संगीत मंडली में शामिल महिला संगीतकार भिन्न-भिन्न शैलियों से होने के बावजूद इसलिये एक साथ आयी ताकि वे एक रचनात्मक स्वर की खोज कर सकें। इस संगीत समूह की प्रत्येक संगीतकार ने मूल व्यक्तित्व को बनायें रखते हुए जुगलबंदी के लिये एक नये नजरियें की खोज की। यह संगीत मंडली संागीतिक आनन्द और मधुर वार्तालाप के उद्देश्य से बनायी गई है। यह एक संगीतमय यात्रा है जिसमें भारतीय, शास्त्रीय, अर्थशास्त्रीय और लोक शैलियों जैसे ख्याल, ठुमरी,तराना,होरी,आदि का समावेश है।
समारोह में बैण्ड की ओर से सुर,ताल एवं लय की जो प्रस्तुति दी गई वह बहुत अनूठी रही।
इस संगीत मंडली के तीन सदस्यों सहाना बेनर्जी,रूचिरा केदार,और सवानी तलवलकर संगीत नाटक अकादमी द्वारा बिस्स्मिल्ला खां पुरूस्कार से सम्मानित है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में पुणे की मंजूषा पाटील ने राग बागेश्वरी में बड़ा ख्याल ताल तिलवाड़ा मे ंनिबध बोल सखी मन लागे….. को पेश किया। इसके पश्चात उन्होंने मध्य लाइन में जा रे बदरा तू जा तीन ताल में पेश किया और उसके बाद इक ताल में बंधी दूसरी बंदिश ना डारो रंग को पेश किया। इसके बाद उन्होंने होली के मौके पर होली खेलन कैसे जाऊं गौरी होरी… की आकर्षक प्रस्तुति दी और अंत में संत मीराबाई का भजन मारे घर आओ जी प्रीतम प्यारा…. की प्रस्तुति दे कर सभी को तालियों की दाद देने पर मजबूर कर दिया। उनके गायन में स्वरों की सच्चाई के साथ साथ बहुत ही तैयारी के साथ तानो की प्रस्तुति थी। इनके साथ हारमोनियम पर अभिनय खंडे और तबले पर रोहित मजूमदार ने, तानपुरा पर संगीत की तनिष्क अरोड़ा और रसिका विंस्पायर ने संगत की।
प्रारम्भ में मोहनलाल सुखाड़िया वि.वि. के संगीत विभाग के छात्रों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
बुधवार को इनकी होगी प्रस्तुति-परिषद के सचिव मनोज मुर्डिया ने बताया कि 15 मार्च बुधवार को पद्मश्री उस्ताद मोईनुद्दीन खान का उनके पुत्र मोमिन खान के साथ सारंगी वादन और उसके पश्चात भोपाल के पद्मश्री पंडित उमाकांत गुंदेचा और अनंत गुंदेचा का धु्रपद गायन होगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ.लोकेश जैन व डिम्पी सुहालका ने किया। इस अवसर पर डॉ. प्रेम भण्डारी, पुष्पा कोठारी, नितिन कोठारी,निर्मल सिंघवी, पूर्व आरपीएस दिनेश कोठारी, डॉ. सीमासिंह, कंचनसिंह हिरण, देवेन्द्रसिंह हिरण, राजेन्द्र शर्मा दिनेश कटारिया मौजूद थे। कार्यक्रम के स्पोन्सर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, नॉर्थ जोन कल्चरल सेन्टर,आरएसएमएमलि.,लिपि डाटा, इकोन व प्राइम स्केन है।