महाराणा प्रताप पर बनी पहली फिल्म
उदयपुर. जिस महाराणा प्रताप ने अपने धर्म और स्वाभिमान की रक्षा के लिए ऐश्वर्य, महल और तमाम सुख-सुविधाओं का त्याग कर जंगल में भटकना मंजूर कर लिया लेकिन पराधीनता स्वीकार नहीं की. उन्ही महाराणा प्रताप के कुछ अनछुए पहलुओं से देश की आम जनता को रू-ब-रू कराने का एक प्रयास मात्र है यह फिल्म ‘महाराणा प्रताप : प्रथम स्वतंत्रता सेनानी’. साथ ही लोगों को राष्ट्र एवं संस्कृति की रक्षा के लिए भी प्रेरित करेगी. राजस्थानी आन-बान शान, स्वाभिमान और शौरी के प्रतीक, मेवाड़ के महाराणा प्रताप पर पहली बार कोई फिल्म बनाई गई है. यह कहना हैं फिल्म के निर्माता- निर्देशक और आलोक संसथान के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत का.
कुमावत ने बताया कि सालों के शोध, अध्ययन, मेहनत तथा कई लोगों के प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग के बाद यह नायाब कृति तैयार हो पायी. इसे शीघ्र ही रिलीज किया जाएगा. फिल्म में नारायणसिंह सिसोदिया (महाराणा प्रताप), कुलदीप चतुर्वेदी (अकबर), विजयसिंह पंवार (उदयसिंह), ममता सुखवाल (प्रताप की मां). धरा पालीवाल (भट्यिानी रानी) व राजेन्द्रसिंह राव (कृष्णदास) मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में संगीत डॉ. प्रेम भण्डारी ने दिया है. हालांकि अधिकतर गीत पारंपरिक हैं लेकिन राजस्थान के मूर्धन्य कवि माधव दरक की जगप्रसिद्व रचना, वो महाराणा प्रताप कठै….. को फिल्म में सम्मिलित करने और मशहूर गायक जगजीतसिंह, साधना सरगम, भूपेन्द्र व सांवरिया फेम शैल हाड़ा के अपनी आवाज दिए जाने से इसके सातों गीत गुनगुनाने योग्य बन पड़े हैं।
प्रताप से पूर्व उनके पिता उदयसिंह ने किन परिस्थितियों में चित्तौड़ का त्याग किया. कैसे गोगुन्दा और उदयपुर को राजधानी बनाया और कैसे हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप ने मानसिंह के हाथी पर अपने चेतक से चढ़ाई कर भाले से वार किया जिससे महावत तो मारा गया परन्तु भयभीत मानसिंह होदे में जा छिपा. कुछ ऐसे ही प्रसंगो को फिल्म में प्रभावी ढंग से फिल्माया गया हैं। सबसे खास बात यह हैं कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर मुगल सेना के साथ युद्ध में महाराणा प्रताप को विजयी घोषित किया गया हैं, जिससे इतिहास की जानकारी रखने वालों के लिए यह फिल्म एक ऐतिहासिक इस्तावेज साबित होगी।
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सबसे खास बात यह हैं कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर मुगल सेना के साथ युद्ध में महाराणा प्रताप को विजयी घोषित किया गया हैं, जिससे इतिहास की जानकारी रखने वालों के लिए यह फिल्म एक ऐतिहासिक इस्तावेज साबित होगी।
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