Udaipur. केन्द्र की संप्रग सरकार के शुक्रवार को संसद में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट को अधिकतर लोगों ने नकारते हुए इससे विकास के अवरुद्ध होने की आशंका जताई वहीं भाजपा ने आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया। उधर मार्बल पर उत्पाद शुल्क दुगुना करने की भी चहुंओर कड़ी निंदा की गई है।
यूसीसीआई ने बजट को अगले वर्ष में औद्योगिक एवं व्यावसायिक विकास की गति नहीं देना बताया है। चैम्बर ने बताया कि टैक्स दरों में स्थिरता सरकार का एक अच्छा कदम है। यदि सरकार द्वारा मुद्रास्फीति के मद्देनजर आयकर लागू करने की वर्तमान सीमा को 2 लाख से बढाकर 3 लाख रुपए कर दिया जाता तो नौकरीपेशा लोगों के साथ लघु उद्यमियों व व्यवसायियों को राहत मिलती। लघु उद्योग श्रेणी हेतु निर्धारित सीमा को डेढ़ करोड़ रूपये से बढ़ा कर ढाई करोड़ रूपये किया जाना चाहिए था किन्तु यूसीसीआई के उपरोक्त दोनों सुझावों को सरकार द्वारा अमल में नहीं लाये जाने से आने वाले समय में औद्योगिक एवं व्यावसायिक विकास में और अधिक गिरावट आएगी। यदि सरकार द्वारा बजट घोशणा में प्रस्तावित ऊर्जा विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता देते हुए पावर प्लान्ट्स की स्थापना तथा इन्फ्रास्ट्रकचर डवलपमेन्ट प्रोजेक्ट्स को अमल में लाया जाता है तो वर्श 2013-14 इलेक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इण्डस्ट्री के लिये अच्छा सिद्ध होगा। राजस्थान को न तो रिफाईनरी मिली है और न ही विशेष राज्य का दर्जा दिया गया जो निराशाजनक है।
विट्रीफाईड टाइलों तथा अन्य विभिन्न कारणों से मार्बल उद्योग मंदी की मार झेल रहा है। मार्बल उद्योग को इस बजट से कुछ राहत प्राप्त होने की उम्मीद थी किन्तु इसके ठीक विपरीत सरकार द्वारा मार्बल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की वर्तमान दर को 30 रूपये प्रति वर्ग फीट से दुगुना करते हुए 60 रूपये प्रति वर्गफीट कर दिया गया। दक्षिणी राजस्थान का ग्रीन एवं अन्य मार्बल मंदी एवं प्रतिस्पर्धा के चलते न्यूनतम दर पर विक्रय किया जा रहा है। ऐसे में यह उद्योग केन्द्रीय उत्पाद षुल्क की दर में दुगुनी वृद्धि की मार नहीं झेल पायेगा। दुगुनी एक्साईज ड्यूटी मार्बल व्यवसाय से जुडे उद्यमियों के व्यावसायिक हितों पर गंभीर कुठाराघात सिद्ध होगी। यूसीसीआई ने तुरन्त प्रभाव से यह वृद्धि वापस लेने की मांग की।
भाजपा नेता धर्मनारायण जोशी, प्रकाश अग्रवाल, विजय प्रकाश विप्लवी, पूर्व पार्षद दिग्विजय श्रीमाली, नरेश पंवार व भाजयुमो पूर्व जिला प्रभारी गोविन्द दीक्षित ने आम बजट को मात्र आंकडों की बाजीगरी बताते हुए कहा कि इस बजट में महंगाई व बेरोजगारी जैसी विकराल समस्याओं से निपटने के कोई प्रयास नजर नहीं आते।
रोटरी क्लसब के पूर्व अध्य क्ष चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट डॅा. निर्मल कुणावत ने बताया कि चुनावी वर्ष मे वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में महंगाई नियंत्रित करने के लिये कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने एवं भुगतान संतुलन में कमी को दूर करने के भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए है। कालेधन को मुख्य धारा में लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किये गए है। छोटे करदाताओं के लिए जहां कर में 2000 रुपये की छूट स्वागत योग्य है वहीँ आर्थिक सुधार सरलीकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। मार्बल पर उत्पाद शुल्क दुगुना कर दिया गया है, जिसे 30 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति मीटर स्क्वायर करने से मेवाड़ के मार्बल व्यवसाय को एक गहरा धक्का लगेगा। वातानुकूलित रेस्टोरेंट पर सेवा कर देने से आम आदमी एवं पर्यटन नगरी उदयपुर के रेस्टोरेंट व्यवसायी को नुकसान होगा। 50 लाख से अधिक के जमीन सौदों पर एक प्रतिशत आयकर कटौती से व्यवहारिक दिक्कते बढ़ेगी। विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कोई कदम नहीं उठाये गए हैं। साथ ही योजनाओं के क्रियान्वन के लिए ठोस कदम नहीं लिए गए है। रोटरी क्लब की ओर से केन्द्रीय बजट -2013 पर शुक्रवार शाम 7 बजे रोटरी बजाज भवन में एक विशेष वार्ता का आयोजन होगा। इसमें सीए निर्मल सिंघवी एवं सीए केशव मालू अपने विचार व्यक्त करेंगे।