गोगला प्रतिष्ठा महोत्सव
उदयपुर। माँ अध्याशक्ति शक्तिपीठ गोगला में चल रहे 11 दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम के तहत आज भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। जिसमें आस-पास के गावों के हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस शोभायात्रा में 1101 कलश के साथ महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। स्वागत द्वार पर मंदिर के मुख्य पुजारी प्रकाश दिवेर ने पंडितो के साथ मंत्रोच्चार करते हुए गणेश की प्रतिमा,शिखर कलश,ध्वजदंड,शेर की प्रतिमा एवं कलश का पूजन विधि विधान से किया। तत्पचात् मामा-भानेज की घाटी स्थित स्वागत द्वार से शोभायात्रा शुरू हुई, जो गणेश मंदिर,हनुमान, आद्याशक्ति माँ मंदिर होती हुई हरिहर नगरी बदराना स्तिथ पैराणिक हरिहर जी के मंदिर में पंहुची। वंहा पर हरिहर मंदिर मुखिया चंद्रकांत सांचिहर एवं हरिहर धर्मोत्सव समिति के अध्यक्ष अमरसिंह झाला एवं सैंकडो ग्रामवासियो द्वारा शोभायात्रा का स्वागत किया गया। स्वागत पश्चात् शोभायात्रा ने बदराना ग्राम की परिक्रमा करते हुए रावला चौक पहुंची जहंा बदराना राजपरिवार कीऔर से विश्वजीतसिंह एवं महिलाअंों द्वारा पुष्प वर्षा के साथ माँ अध्याशक्ति की आरती की गयी एवं पुष्प माला पहना कर स्वागत किया गया।
यहाँ से शोभायात्रा सीधी यज्ञ मंडप में पहुंची। शोभायात्रा में बग्गी में बालसंत प्रियांशु महाराज बैठे थे। शोभायात्रा में मंदिर के शिखर पर चढऩे वाला स्वर्ण कलश,ध्वजदंड,माताजी की सवारी शेर की प्रतिमाए आदि भी शामिल किये गये थे। रास्ते में भक्तो एवं ग्रामवासियों द्वारा शोभायात्रा का कई जगह स्वागत किया गया। शोभायात्रा में बैंड की मधुर धुनों पर भक्त गण झूम रहे थे, बदराना गोगला हरिहर नगरी की इस पावन धरा पर एतिहासिक शोभायात्रा में हजारों की संख्या में जनता उमड़ी। भक्तों एवं ग्राम वासियों द्वारा जगह-जगह शीतल पेयजल की व्यवस्था की गयी। पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग का जाब्ता भी मुस्तैद था। यज्ञशाला का विद्वान पंडितो द्वारा गोमूत्र एवं गंगाजल से शुद्दिकरण किया गया। विधिवत सभी देवी देवताओं कि स्थापना एवं हेमान्दरी पश्चात कार्यक्रम आयोजित हुए एवं मंडप में दुर्गा शप्तशती पाठ प्रारंभ हुआ।
भागवत कथा में छठे दिन बालसंत प्रियांशु महाराज ने कृष्ण लीला का वर्णन किया जिसमें कृष्ण जन्म एवं कृष्ण कि जीवनलीलाओं के बारे में बताया। साथ ही कृष्ण जन्म कि झांकी भी बनायीं गयी जिसमे नन्द बाबा, वासुदेव एवं बालकृष्ण के रूप को स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचन किया गया।