उदयपुर। गीताजंलि हॉस्पीटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॅा. देवेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि तम्बाकू के बढ़ते सेवन ने देश के कई नौजवानों,प्रौढ़ो व वृद्धों को मौत के मुह में धकेल दिया है। यही कारण है कि तम्बाकू सहित अन्य कारणों से केैंसर से मरने वालें की संख्या भारत में प्रतिदिन 2200 तक पहुंच चुकी है।
वे आज महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति में आयोजित तम्बाकू छोड़ो-स्वस्थ रहें विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उक्त बात कहीं। उन्होनें कहा कि किसी भी व्यक्ति मुहं में यदि कोई घाव हो और वह साधारण दवाओं से 15 दिन में भी ठीक नहीं हो रहा तो तुरन्त कैंसर रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिये क्योंकि उसमें कैसर होने की संभावना रहता है। देश में परम्परागत भोजन को छोड़ कर जंक फूड खाने का प्रचलन बढ़ रहा है। यदि हम अब भी जीवन जीने की आदत के साथ समान्जस्य बिठा ले तो 70 प्रतिशत लोगों को जीवन दिनचर्या मेंं परिवर्तन से ही सुरक्षित कर सकते है।
डॅा. जैन ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष 60 लाख लोग कैंसर के चिन्हित हो रहे है और जिसमें से 4 लाख सिर्फमुंह कैंसर के ही है। तम्बाकू में निकोटिन व रसायन होने से उसके खाने की हमारी लत पड़ जाती है। परिणाम स्वरूप देश में 20-25 वर्ष के युवा भी इस बीमारी से ग्रस्त है जबकि विदेशों में यह बीमारी औसतन 40-45 वर्ष के व्यक्तियों में देखी जाती है।
इस अवसर पर संस्थान के महासचिव भंवर सेठ ने कहा कि वरिष्ठजन अपनी भावी पीढ़ी को अपने परम्परागत खान-पान की सही जानकारी देकर उसे उपयोग में लाए तो स्वस्थ समाज की रचना में बहुत बड योगदान हो सकता है। कार्यक्रम में तारा दीक्षित, प्रेम प्यारी भटनागर,विमला सरूपरिया,सुरेश कटारिया, व कनक कुमार सहलोत ने रचनाएं प्रस्तुत की। अंत में धन्यवाद संस्थान के अध्यक्ष चौसरलाल कच्छारा ने दिया।