बुनियादी मानवाधिकार पर महिला जागरूकता कार्यशाला
उदयपुर। जब तक सामाजिक व्यवस्था नहीं बदलेंगी तब तक बदलाव नहीं आयेगा। इसके लिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहना होगा तथा महिलाओं को सुरक्षा समूह भी तैयार करना होगा। उसे समाज में अपनी पहचान सकारात्मक सोच रहते हुए बनानी होगी।
ये विचार जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विवि के कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने बुधवार को विद्यापीठ के जन शिक्षण एवं विस्तार निदेशालय के अंतर्गत संचालित बेदला स्थित विजया मां मंगल भारती केन्द्र पर बुनियादी मानवाधिकार पर महिला जागरूकता कार्यषाला में व्य क्ते किए। अध्यक्षता करते हुए कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने कहा कि प्राचीन काल में महिलाओं को विशेष सम्मान दिया जाता था। इस प्रकार सीता-राम, राधा-कृष्ण में भी महिलाओं को अपने नाम के आगे प्राथमिकता दी जाती थी। लेकिन वर्तमान में बदलते परिवेश में आवश्य कता इस बात की है। जनजाति क्षेत्रों में महिला जागरूकता के साथ शिक्षा, रोजगार से जोड़कर महिलाओं चहुंमुखी विकास किया जा सकता हैं।
घरेलू हिंसा पर पुस्तक का विमोचन : व्यवस्थापक डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा ने बताया कि जन शिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय द्वारा जारी तथा डॉ. मंजू माडोत द्वारा लिखित पुस्तक घरेलू हिंसा का विमोचन अतिथियों ने किया जिसमें हिंसा रोकने, कानून अधिनियम, संरक्षण व हेल्पलाइन जानकारी दी गई। संचालन डॉ. धर्मेन्द्र राजोरा ने किया। धन्यवाद देवीलाल गर्ग ने दिया।