यूसीसीआई में पर्यावरण प्रबन्ध योजना पर प्रशिक्षण शिविर आरम्भ
उदयपुर। विनाश की कीमत पर विकास संभव नहीं। जीयो एवं जीने दो की भावना के साथ विकास का मार्ग तय करना होगा। कश्मीर व उत्तराखण्ड में हुई जनहानि व विनाश से सबक लेकर प्राकृतिक आपदाओं को रोकना होगा।
ये विचार मुख्य वन संरक्षक इन्द्रपाल सिंह मथारू ने उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भूमि के उपयोग संबंधी नियम काफी सोच विचार कर बनाये गये है। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए इनका पालन किया जाना अनिवार्य है।
खान एवं भू विज्ञान विभाग एवं उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘पर्यावरण प्रबन्ध योजना तथा पर्यावरण प्रभाव आकलन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार से आरंभ हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में खनन से जुड़े उद्योगो से पन्द्रह प्रतिभागी तथा खान विभाग से पन्द्रह अधिकारी भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र के दौरान इंजिनियरिंग स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया की कार्यक्रम निदेशक एम. शुभा ने ईएससीआई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सन 1981 में स्थापित यह एक स्वायत्त संस्थान है जो उद्योगों एवं उद्योगों से जुड़े तकनीकी अधिकारियों को इंजिनियरिंग व प्रबंधन के विभिन्न विदाओं में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने अवगत कराया कि ईएससीआई तकनीकी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को विभिन्न प्रोग्रामों के माध्यम से सहयोग भी प्रदान करता है।
खान एवं भू विज्ञान विभाग के अतिरिक्त निदेशक ए.एल.शेख ने कहा कि प्रदेश में लगभग 34 हजार माईन्स है जिनमें खनन के लिये माईनिंग इंजिनियर्स को पर्यावरण संबंधी योजना तैयार करनी होती है। यूसीसीआई की खनन उपसमिति के चेयरमेन पूर्वाध्यक्ष एम.एल. लुणावत ने सुझाव दिया कि बंजर पड़ी भूमि पर पौधारोपण कर उसे हरा-भरा बनाने से पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में मदद मिलेगी।
यूसीसीआई अध्यक्ष विनोद कुमट ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियां एवं विकास पर विचार रखे। डॉ. सी.वी. चेलापति राव ने आमजन की उद्योगो तथा पर्यावरण संबंधी सोच में बदलाव पर विचार व्यक्त किए। तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर मंे जे.के. सिमंेट, बिड़ला सिमेंट, वॉलकेम, अरावली, एसोसिएटेड सोप स्टॉन, राजस्थान बेराईट्स आदि उद्योगो के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन खान विभाग के अधीक्षण खनिज अभियन्ता मधुसूदन पालीवाल ने किया। कार्यक्रम के अन्त में यूसीसीआई के उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी ने धन्यवाद दिया।