न्यूरो डवलपमेंट तकनीक द्वारा लकवे का उपचार पर कार्यशाला का समापन
उदयपुर। हमारे देश में हर साल लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु लकवे के कारण होती है इससे पहले हार्ट अटैक से अधिक मौतें होती थी लेकिन आज आमजन में इसके प्रति जागरूकता पैदा होने के कारण इसमें कमी आई है।
पोलियो के प्रति भी लोगों में जागरूकता बढी है लेकिन लकवे के प्रति आज भी जागरूकता कम होने के कारण इसके सबसे ज्यादा मरीज मंदिरों में देखे जा सकते है क्योंकि चिकित्सालयों में आमजन को इसका पूरा उपचार नहीं मिलता। ये विचार मुख्य अतिथि आरएनटी मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. तरूण कुमार रालोत ने मंगलवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक फिजियोथैरेपी चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से ‘न्यूरो डवलपमेंट तकनीक द्वारा लकवे के मरीजों में उपचार विषयक’’ पर राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लकवे के इलाज में आज फिजियोथैरेपी दिनों दिन उंचाईयां छू रहा है। लोगों का रूझान इस ओर बढ़ रहा है। अध्यक्षता करते हुए रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने कहा कि युवा वर्ग के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका है। छात्र इसकी बारीकियों से सीखकर रोल मॉडल के रूप में इसे अपनाकर पेशे को नई दिशा देंगे। युवा पीढी उनकी व्यस्ततम लाइफ स्टाइल के कारण घुटनों का दर्द, पीठ का दर्द, कमर दर्द, आम बात हो गई है। यह उनके ज्यादा से ज्यादा वाहनों के इस्तेमाल, ज्यादा यात्रा करने से , टेबल वर्क अधिक करने से ये रोग होते है। युवा वर्ग इससे बचने के लिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर रोजाना व्यायाम करें, योगा करें, दौड़ लगाएं।
मुख्य वक्ता डॉ. हरप्रीत सिंह थे। विशिष्टे अतिथि डॉ. सीके आमेटा ने कहा कि दिनों दिन फिजियोथैरेपी के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। आने वाले दिनों में इसके द्वारा स्पोर्ट्स थैरेपी, आईसीयू फिजियोथैरेपी, इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी से उपचार किया जाएगा। बार अध्यक्ष प्रवीण खण्डेलवाल, भारतीय फिजियोथेरेपी एसोसिएशन के सदस्य डॉ. संजीव तोमर, डॉ. एमडी शाहनवाज, डॉ. एसबी नागर ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. विनीता बाघेला एवं डॉ. युतिका राव ने किया। धन्यवाद डॉ. अर्जुनसिंह ने दिया।
इन तकनीकों पर मंथन : आयोजन सचिव डॉ. शैलेन्द्र मेहता ने बताया कि डॉ. हरप्रीत सिंह सचदेवा ने लकवे की बीमारी से जल्द से जल्द निजात पाने हेतु फिजियोथैरेपी के निम्न तकनीकों के बारे में बारीकियों से बताया जिसमें न्यूरो डवलपमेंट तकनीक विधा, डिलेड माइल स्टोन, सामान्य डवलपमेंट , सामान्य व असामान्य लिफलेक्स, प्रोपी सेफटिन, केसिलिटेशन विधा को छात्र छात्राओं को प्रायोगिक रूप से करके बताया साथ लकवे के मरीजो की प्राथमिक चिकित्सा, रोकथाम के उपाय, प्रारंभिक उपचार में आने वाली कठिनाईया, उसका निवराण आदि के बारे में विस्तार से बताया।