शिक्षा पर्व के रूप में मनाई जाए जनुभाई की जयंती
उदयपुर। जो जाति, समाज, राष्ट्र अपने श्रेष्ठ पुरूषों का विस्तरण कर देता है, वह समाप्त हो जाता है। जनुभाई के जीवन का संघर्ष, उनकी प्रेरणा, उनके जीवन का संकल्प आज 79 वर्षों के बाद भी एक देवित्यमान नक्षत्र की तरह विद्यापीठ विश्वविद्यालय के रूप में जगमगा रहा है, यह उनको निरंतर स्मरण करने का ही परिणाम है।
जनुभाई ने महाराणाओं के सौजन्य शिक्षा प्राप्त की उसको सहस्त्रगुना बनाकर समाज को दी। यह कहना था कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत का। अवसर था गुरूवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय नागर की 105 वीं जयंति का। उन्होंने कहा कि पंडित नागर शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, समाजसेवी, कवि, नाटकरकार, कुशल राजनीतिज्ञ, पत्रकार, सारगर्भित वक्ता और सबसे उपर एक श्रेष्ठ मानव के साथ नैतिक व मानवीय मूल्यों के तपस्वी थे। देश के स्वाधीनता संग्राम में जिन साहित्यकारों ने जनता में नवजाग्रति चेतना जगाई। उनमें मेवाड़ की वीरभूमि के मनीषी पं. नागर का नाम उल्लेखनीय है। अध्यक्षता करते हुए कुलप्रमुख बीएल गुर्जर ने कहा कि जनुभाई का व्यक्तित्व एवं कृतित्व हमेशा क्रांतिकारी एवं प्रेरक रहा। उन्हें समाज की स्थिर व दयनीय स्थिति ने झकझोर डाला। उन्होंने बचपन से ही समाज में परिवर्तन लाने का निरंतर प्रयास किया। साथ ही महात्मा गांधी की बुनियादी पद्धति को मूर्तरूप देने के लिए मेवाड़ के आदिवासी अंचल में शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास किया। इस अवसर पर प्रो. जी.एम. मेहता, सहायक कुलसचिव डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉ. हरीश शर्मा डॉ. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. धमेन्द्र राजौरा, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. प्रकाश शर्मा, डॉ. एसबी नागर, कौशल नागदा, डॉ. प्रवीण दोशी, डॉ. मेहजबीन सादडीवाला, भवानीपाल सिंह, डॉ. अमिया गोस्वामी, ओम पारीख, डॉ. पारस जैन, जितेन्द्र सिंह चौहान, लहरनाथ, चन्द्रेष छतलानी, राजेन्द्र वर्मा, डॉ. दिलीप सिंह, सहित समस्त विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
समस्त विभागों में मनाई जनुभाई की जयंती : राजस्थान विद्यापीठ के संस्थापक मनीषी पं. जनुभाई की 105 वीं जयंती विद्यापीठ के लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, कम्प्यूटर एण्ड आई विभाग, प्रबंध अध्ययन संस्थान, उदयपुर स्कूल ऑफ सोशल वर्क, श्रमजीवी महाविद्यालय, जनशिक्षण विभाग, महिला अध्ययन केन्द्र, होम्योपैथी एवं फिजियोथेरेपी मेडिकल कॉलेज, राजस्थान विद्यापीठ कुल, झाडोल, सलुम्बर, बेदला एवं नाई सहित समस्त केन्द्रों एवं विभागों में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।